अश्लील फोटो और वीडियो कॉलिंग में फंस गए मारवाह

Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Feb, 2018 10:45 AM

arun marwah air force video calling

अरुण मारवाह एयरफोर्स में ज्वाइंट डायरेक्टर (ऑपरेशन्स) के पद पर तैनात थे। उनकी ही निगरानी में देश के एयरफोर्स के सीक्रेट प्लान बनते थे और इसके ब्लूप्रिंट भी उन्हीं के पास होते थे। इसलिए पाक की आईएसआई एजेंटों ने फर्जी प्रोफाइल के जरिए इनसे संपर्क किया...

नई दिल्ली(संजीव यादव): अरुण मारवाह एयरफोर्स में ज्वाइंट डायरेक्टर (ऑपरेशन्स) के पद पर तैनात थे। उनकी ही निगरानी में देश के एयरफोर्स के सीक्रेट प्लान बनते थे और इसके ब्लूप्रिंट भी उन्हीं के पास होते थे। इसलिए पाक की आईएसआई एजेंटों ने फर्जी प्रोफाइल के जरिए इनसे संपर्क किया और इन्हें अश्लील फोटो के जरिए पहले अपना दोस्त बनाया और फिर हसीनाओं ने वीडियो कॉलिंग के दौरान अरुण मारवाह पर हुस्न का ऐसा पासा फेंका कि वो अपनी सेवा के अंतिम साल में उनकी गिरफ्त में पूरी तरह से आ गए। पाक की आईएसआई एजेंट के हुस्न के जाल में ऐसे बहके कि उन्होंने एयरफोर्स के कई सीक्रेट प्लानों को उनसे शेयर कर दिया,यही नहीं ये भी बताया कि भारतीय वायु सेना किस तरह के क्यू आर कोड का इस्तेमाल करती है। 

मोबाइल ऑफिस ले जाने से फंसे अरुण, ऐसे हुई गिरफ्तारी
7 फरवरी को नई दिल्ली के लोधी कॉलोनी पुलिस स्टेशन में ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के 3/5/9 के तहत एफआईआर दर्ज की गई। दर्ज एफआईआर के मुताबिक स्टेशन सिक्योरिटी ऑफिसर स्क्वार्डन लीडर रूपिंदर सिंह ने दिल्ली पुलिस को बताया है कि उन्हें एयरफोर्स से जुड़े खुफिया दस्तावेज गैरकानूनी व्यक्तियों के साथ शेयर किए जाने के इनपुट मिले थे।  इस जानकारी के आधार पर एयरफोर्स इंटेलिजेंस विंग ने अफसरों की मॉनिटरिंग शुरू की।  जांच में सामने आया कि मारवाह अपना डुअल सिम स्मार्टफोन हेडक्वार्टर ला रहे थे। जबकि, परिसर में मोबाइल फोन का इस्तेमाल वॢजत है। ये काम वे तब कर रहे थे जब वे त्रिवेन्द्रम टूर से वापिस लौटे थे। वे जनवरी से लगातार फोन ला रहे थे। इसी आधार पर उन्हें हिरासत में लिया गया। क्योंकि उन पर पहले से ही शक था और एक पिक्चर लीक हुई थी, जिसकी जानकारी उनके अलावा कुछ ही शीर्ष अधिकारियों को थी। इसी के बाद उन्हें दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया। उनसे सात दिन लगातार पूछताछ हुई और साइबर सेल ने जब पुष्टि कर दी कि उनके फेसबुक प्रोफाइल पर 2 ऐसी महिलाएं जुड़ी हैं जो पाक की रहने वाली हैं और इनमें से एक आईएसआई एजेंट है, जिससे ये मैसेंजर पर बात कर रहे थे। यही नहीं इनके व्हाट्सअप कॉलिंग के दौरान भी उनसे बात हुई थी। उनसे जब पूछताछ की गई तो अरुण मारवाह ने अपना जूर्म कबूल कर लिया और कहा कि उन्होंने कई सीक्रेट दस्तावेज महिलाओं से शेयर किए थे। 

वरिष्ठ होने का मिला फायदा 
गु्रप कैप्टन अरुण मारवाह अपने मोबाइल में दो नंबरों का उपयोग करते थे। एयरफोर्स के मुख्यालय में तैनात थे, हालांकि मुख्यालय में स्मार्ट फोन ले जाना मना है, लेकिन वरिष्ठ होने का फायदा उठाकर अरुण अपना स्मार्ट फोन अंदर ले जाया करते थे। इसी मोबाइल से गोपनीय दस्तावेज वर्चुअल नंबर पर वाट्सअप किया करते थे, ये बात भी सामने आई है कि इनके पास ऑपरेशन से जुड़ी फाइल भी आया करती थी, उनसे ये भी पूछताछ की जा रही है कि कौन-कौन से ऑपरेशन और डिटेल्स ये आईएसआई के एजेंट्स को भेज चुके हैं। 

ऑपरेशन की तैयारी के प्लान भी शेयर किए
एफआईआर में शिकायतकर्ता ने बताया कि मारवाह एयरफोर्स में ज्वाइंट डायरेक्टर (ऑपरेशंस) के तौर पर काम कर रहे थे।  पूछताछ के दौरान उन्होंने एयरफोर्स अधिकारियों के सामने माना कि उन्होंने दो महिलाओं को डिफेंस साइबर एजैंसी, डिफेंस स्पेस एजैंसी और स्पेशल ऑपरेशंस डिविजन से जुड़ी खुफिया जानकारी शेयर की। उन्होंने एयरफोर्स की आगामी एक्सरसाइज से जुड़े डॉक्युमेंट भी एजेंट्स से शेयर किए हैं।

बीएसएफ के दो जवान भी फंस चुके हैं हनीट्रैप में 
मई 2017 में बीएसएफ के दो जवान भी पाक आईएसआई एजेंट के हुस्न के जांल में फंस चुके हैं। इन लोगों ने उस दौरान भारत के बॉर्डर के कई खुफिया ब्लूप्रिंट ऑफिस से चुराकर उन्हें दिए थे। यही नहीं इनके जरिए उन लोगों ने कुछ आतंकियों को बॉर्डर भी पार कराया था। 

20  लोगों को मिली थी फेसबुक रिक्वेस्ट
जांच में मालूम हुआ है कि महिमा पटेल और किरन रंधावा की प्रोफाइल से करीब 3 महीने पहले वायुसेना में तैनात 20 वरिष्ठ अधिकारियों को फ्रेंड रिक्वेस्ट मिली थी। लेकिन, अधिकारियों ने अनजान प्रोफाइन होने की वजह से रिक्वेस्ट को डिलीट कर दिया। मगर सोशल मीडिया पर एक्टिव अरुण मारवाह उन्हें अपना दोस्त बना लिया और फेसबुक पर बातचीत बढ़ाते हुए महिलाओं को अपना फोटो भेज दिया। तफ्तीश में यह भी पता चला है कि खुफिया एजैंसी आईएसआई ने फर्जी प्रोफाइल के जरिए अलग-अलग विभागों में कई लोगों को हनीट्रैप में फंसा रखा है।  

क्यूआर कोड से की चोरी
एयरफोर्स के कई  गोपनीय दस्तावेज केवल क्यू आर कोड के जरिए ही खोले जा सकते हैं। इसके अलावा अधिकांश  दस्तावेज कुछ शीर्ष अधिकारियों के लॉकर में ही रहते हैं। मारवाह ज्वाइंट डायरेक्टर थे इसलिए उनके पास इन दस्तावेज को देखने का अधिकार था। दिसंबर में जब ये उनके जाल में फंस गए तो उन्होंने जनवरी से हेडक्वार्टर में अपना स्मार्ट फोन लाना शुरू कर दिया और फिर लॉकर से दस्तावेजों को निकालकर उसकी स्क्रीङ्क्षनग कर उन्हें फेसबुक के मैसेंजर के जरिए शेयर कर दिया। कई दस्तावेजों की बड़ी फाइलों को क्यू आरकोड के जरिए भी उन्होंने ट्रांसफ्रर किया। 

महिमा का किया गया इस्तेमाल 
बताया जाता है कि दिसंबर में जब किरन रंधावा की फेसबुक से दोस्ती हुई तो किरन ने उससे अश्लील बातें और मैसेज भेजने शुरू कर दिए। अरुण ने सेल को बताया कि पहले जब उसने कुछ दस्तावेज मांगे तो उसने इनकार कर दिया,लेकिन इसी बीच जनवरी में किरन के जरिए महिमा से उसकी दोस्ती हो गई। महिमा  फेसबुक से ज्यादा मोबाइल के व्हाट्सअप कॉङ्क्षलग से बात करती थी। इसी दौरान महिमा ने वीडियो कॉङ्क्षलग में काफी अश्लील चीजें शामिल की, जिसके बाद वे लगातार उसके झांसे में फंसते गए। सूत्रों के मुताबिक महिमा ने उनकी कुछ अश्लील तस्वीरें भी रिकार्ड कर ली थी जिसे वे अक्सर उन्हें दिखाती थी और फिर उसी के जरिए ब्लैकमेङ्क्षलग पर उतारू हो जाती थी।

सोशल मीडिया में काफी एक्टिव हैं अरुण 
अरुण की फेसबुक प्रोफाइल से पता चलता है कि वे फेसबुक पर काफी सक्रिय रहते हैं। हालांकि जनवरी माह से उनकी सभी प्रोफाइल को एजैंसी ने ब्लॉक कर दिया है, लेकिन दिसंबर से पहले की प्रोफाइल में वे हर टूर और कारनामों की पिक्चर को वो शेयर करते थे। उनकी फे्रंडलिस्ट भी काफी लंबी है जिनमें कई एयरफोर्स के अधिकारी के अलावा सामाजिक लोग और युवा लड़कियां जुड़ी हुई हैं। 

पीएमओ सख्त, सेना और पैरामिलिट्री फोर्स के सोशल मीडिया पर लगे लगाम
एयरफोर्स के फंसे  शीर्ष अधिकारी अरुण मारवाह के बाद पीएमओ के कहने पर गृह मंत्रालय ने एक एडवाइजरी जारी की है। जारी एडवाइजरी के तहत सभी शीर्ष अधिकारी अपने सोशल एकाउंट का इस्तेमाल निजी तौर पर करे और उनके ग्रुप में वही लोग जुड़े जो उनके पेशे की हैं। इसके अलावा सभी कार्यालयों में नेट पर प्रोक्सी लगाई जाए ताकि इंटरनेट के माध्यम से कोई भी पैरामिलिट्री फोर्स का अधिकारी या जवान इसे ऑफिस में इस्तेमाल न कर सके। इसके अलावा स्मार्ट फोनों के लिए कार्यालयों में सीमा तय करे,जिसके बाद किसी भी अधिकारी का फोन उस इलाके में जाना वर्जित किया जाए।

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!