'क्या हुआ तेरा वादा' सवाल से घिरी केजरीवाल सरकार!

Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Nov, 2017 03:51 PM

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अपने जबरदस्त और भारी भरकम वादों से सत्ता में आने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद कजेरीवाल की सरकार तीन साल पूरे होने पर भी कई वादें सही तरह से पूरा नहीं कर पाई है। जिसमें से एक दिल्ली की बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का है। केजरीवाल सरकार अब तक...

नई दिल्ली: अपने जबरदस्त और भारी भरकम वादों से सत्ता में आने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद कजेरीवाल की सरकार तीन साल पूरे होने पर भी कई वादें सही तरह से पूरा नहीं कर पाई है। जिसमें से एक दिल्ली की बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का है। केजरीवाल सरकार अब तक केवल दो सौ बसों में ही सीसीटीवी कैमरे लगा पाई है। इसके साथ ही नई बसों को खरीदना तो दूर की बात वह पूर्व सरकार से विरासत में मिली बसों को भी सही तरह से नहीं रख पा रही है।

वहीं महिला की सुरक्षा के मामले  पर अपने आप को सक्रिय बताने वाली 'आप' ने विधानसभा चुनाव के दौरान महिला सुरक्षा को लेकर वादों के पुल से बंध दिए गए थे। जिसमें  डीटीसी की नई बसें खरीदने का भी वादा शामिल था। उस वक्त फिलहाल मौजूदा और नई बसों में सीसीटीवी लगवाने के पूराने वादें का भी ढिंढोरा आप द्वारा खूब पीटा गया था। लेकिन हकीकत तो कुछ और ही है भले ही 'आप' सरकार को करीब तीन साल हो गए हो, लेकिन इसके बावजूद न तो कोई नई बस खरीदी गई न ही सीसीटीवी कैमरा लगवाए गए।

दरअसल यह सचाई  सूचना के अधिकार के मुताबिक आरटीआई कार्यकर्ता हरपाल राणा को दिल्ली परिवहन विभाग निगम द्वारा उपलब्ध कराई गई है। इस जानकारी के हिसाब से डीटीसी ने दिसंबर, 2015 तक सिर्फ दो सौ बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाए थे, जिसमें से हर एक बस में तीन कैमरे लगाए गए थे। जिस पर तकरीबन तीन करोड़, 75 लाख , 42 हजार 115 रुपए खर्च किए गए। लेकिन उसके बाद अभी तक कोई कैमरा नहीं लगाया गया। 

इतना ही नहीं बसों की संख्या पर भी केजरीवाल सरकार का गहरा असर पड़ा।  दरअसल बसों की संख्या बढऩे की बजाय घठी है, जिस बात की खबर सूचना के अधिकार के जरिए पता लगी। डीटीसी ने जानकारी दी कि 31 मार्च 2011 को दिल्ली परिवहन निगम के बेड़े में 6197 बसें  थी, जिनकी संख्या घटकर अब बस 4020 रह गई है और इसके साथ ही इनमें 2745 नॉन एसी एवं 1275 एसी बसें हैं। इसके साथ ही जन सूचना अधिकारी ने इस बात की भी जानकारी दी गई कि साल 2011 से 31 मार्च 2017 तक 2209 बसों को कबाड़ में बदल दिया गया है।

इसके साथ पूर्व शीला दीक्षित सरकार में मंत्री रहे अरविंद सिंह लवली ने इस मामले में बताया कि परिवहन मंत्री रहते हुए उनकी ये कोशिश थी कि दिल्ली वासियों को बेहतर बस सुविधा मिले, इसके साथ ही कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान बसें आईं भी। अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि मैंने जो कुछ भी किया उसमें केजरीवाल द्वारा कुछ नहीं किया गया बल्कि पूरी तरह से व्यवस्था को चौपट कर दिया। आप सरकार ने जब से सत्ता संभाली है तब से एक भी नई बस नहीं खरीदी है। ऐसे में लगता है कि दिल्ली के परिवहन व्यवस्था को लेकर केजरीवाल सरकार किसी भी तरह से गंभीर नहीं है। 

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