Edited By ,Updated: 29 Aug, 2016 05:15 PM
राजधानी में अघोषित बिजली कटौती पर डिस्काम को दंडित किए जाने के मसले पर उपराज्यपाल नजीब जंग और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच आज एक बार फिर नया विवाद हो गया।
नई दिल्ली: राजधानी में अघोषित बिजली कटौती पर डिस्काम को दंडित किए जाने के मसले पर उपराज्यपाल नजीब जंग और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच आज एक बार फिर नया विवाद हो गया। मुख्यमंत्री के हवाले से समाचार पत्रों में एक खबर छपी है जिसमें केजरीवाल ने कहा है कि 15 दिन पहले उपराज्यपाल ने इस विषय से संबंधित फाइल मंगवाई और आदेश को रद्द कर दिया। राज निवास की तरफ से जारी मुख्यमंत्री के इस बयान को सरासर गलत और भ्रम पैदा करने वाला बताया गया है।
जंग की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि उपराज्यपाल कार्यालय ने किसी भी विशिष्ट फाइल को नहीं मंगवाया है। फाइलें दिल्ली सरकार तथा उच्च न्यायालय के चार अगस्त 2016 के आदेश के तहत भेजी गई जिनमें संवैधानिक त्रुटियां हो सकती हैं। बयान में इस मसले पर उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला दिया है जिसमें कहा गया है कि ऊर्जा विभाग की फाइल पर दिल्ली सरकार द्वारा जो कार्रवाई की गई है वह अवैध और असंवैधानिक है। दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) ने अघोषित कटौती की स्थिति में उपभोक्ताओं को मुआवजा दिए जाने के निर्देश दिए थे।
उपराज्यपाल की तरफ से कहा गया है कि इस तरह के नीति-निर्देश उनके विचारों के बिना जारी नहीं हो सकते और इस मसले पर अभी तक कोई ताजा आदेश जारी नहीं किए गए हैं। यह अति दुर्भाग्यपूर्ण है कि तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक बयान सार्वजनिक किया जा रहे हैं।