केंद्रीय मंत्री का विवादित बयान, कहा- गौमांस पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं होना चाहिए

Edited By ,Updated: 31 Aug, 2016 01:25 AM

athavle controversial statement

लोगों को प्रोटीन के स्रोत के तौर पर बैलों और सांड़ों का मांस खाने का सुझाव देने के एक दिन बाद केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले...

नई दिल्ली: लोगों को प्रोटीन के स्रोत के तौर पर बैलों और सांड़ों का मांस खाने का सुझाव देने के एक दिन बाद केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने मंगलवार को गौमांस पर पूर्ण प्रतिबंध का यह कहते हुए विरोध किया कि इससे किसानों को मुश्किल होगी। सामाजिक न्याय मंत्री ने कहा कि एेसा किया गया तो किसानों के लिए अनुपयोगी गायों और बैलों को रखना आर्थिक रूप से मुश्किल हो जाएगा।
 
गौमांस प्रतिबंध का विरोध करते हैं हम: अठावले
बहरहाल, उन्होंने कहा कि गाय एक पवित्र पशु है और पवित्र दिनों के दौरान प्रतिबंध अस्थाई होना चाहिए। उन्होंने कहा कि गाय हिंदुआें के लिए शुभ मानी जाती है और हमें इसका सम्मान करना चाहिए। लेकिन बैल और दूध न देने वाली गायों को आम तौर पर किसान बेच देते हैं। अठावले ने यहां एक कार्यक्रम से अलग कहा कि इसलिए अगर गौमांस पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया तो किसान एेसी गायों और बैलों को बेच नहीं पाएंगे और उन्हें रखना उनके लिए आर्थिक रूप से मुश्किल हो जाएगा। अत: हम इसका (गौमांस पर पूर्ण प्रतिबंध का) विरोध करते हैं।
 
धर्म विशेष के अनुसार अस्थाई प्रतिबंध लगाएं
उन्होंने कहा कि धर्म विशेष के अनुसार, कुछ दिनों के लिए अस्थाई प्रतिबंध लगाया जा सकता है। अठावले ने कहा कि हम गौमांस पर पूर्ण प्रतिबंध का विरोध करते हैं। लेकिन कुछ विशेष धर्म के लोगों की भावनाआें को ध्यान में रखते हुए शुभ दिनों के दौरान 2...4 दिन का प्रतिबंध लगाया जा सकता है। अठावले की टिप्पणी दिल्ली के भाजपा सांसद उदित राज की टिप्पणी के संदर्भ में थी। उदित राज ने कहा था कि निर्धन परिवार में पैदा होने के बावजूद जमैका के धावक उसेन बोल्ट ने आेलंपिक खेलों में नौ पदक जीते क्योंकि उनके प्रशिक्षक ने उन्हें दिन में दो बार बीफ खाने की सलाह दी थी। महाराष्ट्र सरकार के पिछले साल बीफ पर प्रतिबंध लगाने के फैसले का अठावले ने विरोध किया था।
 
सामान्य जातियों के गरीबों को 25 फीसदी आरक्षण दिया जाए: अठावले
सामान्य श्रेणी के गरीबों के लिए आरक्षण की वकालत करते हुए रामदास अठावले ने कहा कि सामान्य जातियों के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को 25 फीसदी आरक्षण प्रदान करते हुए वर्तमान 50 फीसदी आरक्षण सीमा को बढ़ाकर 75 फीसदी किया जाना चाहिए।  सामाजिक न्याय राज्य मंत्री ने यह भी कहा कि वह इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संपर्क करेंगे।

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