23 लाख रुपए के साथ अकेली हुई रिक्शे वाले की बेटी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Jun, 2017 11:27 AM

bablu  damini  dr  bm bharadwaj

उसकी भुजाएं बेटी का पालना थीं और दामन आशियाना। उम्र से पहले ही बूढ़ा नजर आते रिक्शा चालक बबलू की असमय मौत से 5 साल की दामिनी अब तनहा हो गई है।

भरतपुर: उसकी भुजाएं बेटी का पालना थीं और दामन आशियाना। उम्र से पहले ही बूढ़ा नजर आते रिक्शा चालक बबलू की असमय मौत से 5 साल की दामिनी अब तनहा हो गई है। दामिनी जब पैदा हुई तो सिर से मां का साया उठ गया। उस उपरांत बबलू रिक्शा चलाता तो दामिनी को भी गले से लटके झूले में संग-संग लेकर चलता था। उसकी अपनी बेटी के साथ रिक्शा चलाते हुए एक तस्वीर ने दुनिया भर का ध्यान खींचा तो मदद के लिए हाथ उठते चले गए। उस नन्ही परी के लिए कोई 18 लाख रुपए जमा हो गए। दामिनी पिछले 4 साल से भरतपुर में सरकारी बाल संरक्षण गृह में है क्योंकि रिक्शा चालक बबलू उसकी परवरिश नहीं कर पा रहा था।
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दामिनी की देखरेख के लिए बनी समिति के सदस्य डा. बी.एम. भारद्वाज ने कहा कि उसके बाद भी सहायता का सिलसिला थमा नहीं। कुछ महीने पहले तक 23 लाख रुपए आ चुके थे। यह भी तब जब और मदद के लिए मना कर दिया गया था। यह राशि दामिनी के नाम बैंक में जमा है ताकि उसका भविष्य संवारने में मदद मिले। दामिनी के पिता बबलू का मंगलवार को निधन हो गया। दामिनी का कोई परिजन भी नहीं है।  डा. भारद्वाज कहते हैं कि वह भरसक प्रयास करेंगे कि दामिनी को अच्छी शिक्षा मिले और वह पढ़-लिखकर समाज में एक मिसाल बने।
 

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