Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Aug, 2017 11:42 AM
बांग्लादेश में हिंदुओं के विवाह से संबंधित कुछ कानून भारत में मुसलमानों के लिए बने कानून के जैसे हैं...
ढाकाः बांग्लादेश में हिंदुओं के विवाह से संबंधित कुछ कानून भारत में मुसलमानों के लिए बने कानून के जैसे हैं। वाशिंगटन में 15 अगस्त को जारी की गई अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक आजादी रिपोर्ट (आईआरएफआर), 2016 में कई देशों में विभिन्न समूहों द्वारा संचालित विवाह कानूनों की जांच की गई है। इसमें कहा गया है कि बांग्लादेश में हिंदुओं को बहुविवाह की इजाजत दी गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है, “हिंदू नागरिक पुरुष की कानून के तहत की कई पत्नियां हो सकती हैं लेकिन उनके पास आधिकारिक तौर पर तलाक का विकल्प नहीं है।”बौद्ध भी हिंदू कानून के तहत आते हैं और तलाकशुदा हिंदू और बौद्ध कानूनी तौर पर फिर से शादी नहीं कर सकते। हिंदू नागरिक कानून में महिलाओं को विरासत की संपत्ति पर भी रोक लगाई गई है।
हिंदुओं और बौद्धों के तलाक और पुनर्विवाह पर रोक को लेकर वहां विरोध है क्योंकि यह कानून दूसरे धर्मो पर लागू नहीं होता। आईआरएफआर ने कहा कि मनुशेर जोन्नो फाउंडेशन (एमजेएफ), अइन ओ सलिश केंद्र (एएसके), बांग्लादेश महिला परिषद व बांचते शेख सहित कई संगठनों ने इन नियमों को बनाए रखने के लिए सरकार की निंदा की है।