Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jan, 2018 10:21 AM
पैंतालीस वर्षीय सुनीता और 24 साल के रूप प्रकाश को बवाना की एक फैक्ट्री में आग लगने के बाद दूसरी मंजिल से कूदकर अपनी जान बचानी पड़ी। इस हादसे में 17 लोगों की मौत हो गई। इन दोनों मजदूरों को पटाखा फैक्ट्री में काम शुरू किए हुए बमुश्किल एक सप्ताह हुआ था...
नई दिल्ली: पैंतालीस वर्षीय सुनीता और 24 साल के रूप प्रकाश को बवाना की एक फैक्ट्री में आग लगने के बाद दूसरी मंजिल से कूदकर अपनी जान बचानी पड़ी। इस हादसे में 17 लोगों की मौत हो गई। इन दोनों मजदूरों को पटाखा फैक्ट्री में काम शुरू किए हुए बमुश्किल एक सप्ताह हुआ था कि उन्हें इस भयावह हादसे का सामना करना पड़ गया। प्रकाश के पैरों में फ्रैक्चर आया है और सुनीता की कूल्हे की हड्डी टूट गई है।
उत्तर प्रदेश के उना जिला निवासी प्रकाश ने तीन-चार दिन पहले ही फैक्ट्री में काम करना शुरू किया था। इस फैक्ट्री में काम करने वाले उसके रिश्ते के भाई रोहित और सूरज सिंह की इस हादसे में मौत हो चुकी है। सुनीता का परिवार उसके जीवित बचने को लेकर शुक्रगुजार है, हालांकि वे उसकी चोटों को लेकर चिंतित हैं।