Edited By ,Updated: 17 Nov, 2016 01:02 AM
भारत के लड़ाकू क्षमता वाले देशी ड्रोन रुस्तम-2 ने बुधवार को अपना पहला सफल परीक्षण पूरा ...
नई दिल्ली: भारत के लड़ाकू क्षमता वाले देशी ड्रोन रुस्तम-2 ने बुधवार को अपना पहला सफल परीक्षण पूरा किया। इससे मानवरहित वायुयान के भारत के विकास कार्यक्रम को प्रोत्साहन मिला है।
डीआरडीओ ने तापस 201 (रुस्तम-2) का सफल परीक्षण किया। यह मध्य ऊंचाई पर लंबी अवधि तक उड़ान भरने में सक्षम मानवरहित विमान है। यह 24 घंटे तक उड़ान भर सकता है और देश के सशस्त्र बलों के लिए टोही मिशन का काम कर सकता है। इस मानवरहित यान को अमेरिका के प्रिडेटर ड्रोन की भांति मानवरहित लड़ाकू यान के रूप में उपयोग में लाया जा सकता है।
इसका परीक्षण बेंगलुरु से करीब 250 किलोमीटर दूर चित्रदुर्ग में एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज से किया गया, जो मानवरहित यानों और मानवविमानों के परीक्षण के लिए नवविकसित उड़ान परीक्षण स्थल है। रुस्तम-2 का डिजाइन और विकास डीआरडीओ की बेंगलुरु की प्रयोगशाला एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट और एचएएल-बीईएल ने मिलकर किया है। इसका वजन दो टन है। डीआरडीओ के युवा वैज्ञानिकों की एक टीम ने इसका परीक्षण किया। इसमें सशस्त्र बलों के पायलटों ने सहयोग किया।