Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Jan, 2018 08:06 PM
भूटान के दावे वाले डोकलाम के जिस इलाके में पिछले जून से अगस्त तक 73 दिनों तक सैन्य तनातनी चली थी वहां चीनी सेना ने अब भारी सैन्य जमावड़ा कर लिया है। इन रिपोर्टों पर रक्षा या विदेश मंत्रालय ने कोई टिप्पणी नहीं की है
नई दिल्ली ( रंजीत कुमार ) : भूटान के दावे वाले डोकलाम के जिस इलाके में पिछले जून से अगस्त तक 73 दिनों तक सैन्य तनातनी चली थी वहां चीनी सेना ने अब भारी सैन्य जमावड़ा कर लिया है। इन रिपोर्टों पर रक्षा या विदेश मंत्रालय ने कोई टिप्पणी नहीं की है लेकिन जनरल रावत ने बुधवार को रायसीना डायलाग में अंतरराष्ट्रीय डेलीगेटों को सम्बोधित करते हुए इशारों में इन रिपोर्टों की पुष्टि की है कि उत्तरी डोकलाम में चीनी जन मुक्ति सेना (पीएलए) के सैनिक है और वहां ढांचागत विकास कर रहे हैं। जनरल रावत ने कहा कि हम भी वहां मौजूद हैं और यदि वे सामने आते हैं तो हम उनका मुकाबला करेंगे। लेकिन किसी गम्भीर हालत की कल्पना नहीं करें।
डोकलाम में हेलीकाप्टर उतरने की तैयारीमें चीन
वहीं सैन्य सूत्रों का कहना है कि जनरल रावत ने सनसनी नहीं पैदा करने के इरादे से चीनी सेना के जमावडें को अधिक तूल नहीं देने की कोशिश की है। सूत्रों ने कहा कि उत्तरी डोकलाम मे जिस स्तर की चीनी सेना की तैनाती और ढांचागत विकास चल रहा है वह कुछ महीनों बाद किसी बडे खतरे औऱ सैन्य तनाव की ओर इशारा करती हैं। सेना मुख्यालय को उपग्रह से जो ताजा तस्वीरें मिली हैं उनसे पता चलता है कि चीनी सेना ने वहां भावी किसी तनाव से निबटने के लिए उत्तरी डोकलाम में हेलीकाप्टर उतरने के लिए सात हेलीपैड बनाए हैं और पैदल सेना के इस्तेमाल वाले लड़ाकू वाहन ( आईएफवी ) भेजे हैं। इसके अलावा वहां सड़क बनाने के नए मशीनरी भी उपग्रह के चित्रों में देखे गए हैं। ये हेलीपैड 25 मीटर व्यास वाले हैं जहां चीनी सेना के सबसे बड़े हेलीकाप्टर भी उतर सकते हैं। युद्ध की किसी आपात स्थिति में इन हेलीकाप्टरों के जरिये सैंकड़ों की संख्या में चीनी सैनिक और भारी साज सामान वहां भेजे जा सकते हैं। सीमा के इलाकों में कंक्रीट की सैन्य चौकियों भी बन चुकी हैं।
चीन ने हर कोने को लिया अपने कब्जे में
भारतीय सेना ने इन रिपोर्टों पर कोई औपचारिक टिप्पणी नहीं की है लेकिन सूत्रों का कहना है कि ये रिपोर्टं चिंताजनक हैं। यहां मिली रिपोर्टों के मुताबिक चीनी सेना ने डोकलाम पठार के हर कोने को अपने कब्जे में कर लिया है। उल्लेखनीय है कि चीनी विदेश मंत्रालय ने हाल में कहा था कि डोकलाम चीन का इलाका है और वहां सेना तैनात रखना उसका अधिकार है।
दूसरी रेजीमेंट को किया जा सकता है तैनात
सैन्य सूत्रों ने इन रिपोर्टों की पुष्टि की है कि डोकलाम पठार पर चीनी सेना के इनफैन्ट्री फाइटिंग वेहीकल ( जेडबीएल-09 ) की एक पूरी रेजीमेंट वहां उपग्रह तस्वीरों में दिखी है और वहां दूसरी रेजीमेंट तैनात करने की तैयारी चल रही है। इस इलाके में छोटे टैंकों को तैनात करने के लिये दो बड़े पार्किगं इलाके भी नये बने हुए देखे गए हैं। सड़क मशीनरी में जो चार बड़े बुलडाजर और चार टिपर भी देखे गए हैं। इससे पता चलता है कि ड़ोकलाम इलाके में ठंढ जैसे ही कम होगी चीनी सेना वहां सड़क निर्माण के काम को नये सिरे से शुरू कर सकती है। सूत्रों ने बताया कि उत्तरी डोकलाम पठार की करीब सभी चोटियों पर चीनी सेना चौकियां बना रही हैं। इसमें दोहरे स्तर की संचार इकाइयां स्थापित हो चुकी हैं।
वहां पर कमाउफ्लेज वाले आवरण के नीचे टेंट बने हुए हैं जहां चीनी सैनिकों के रहने की व्यवस्था की जा रही है। चीनी सेना ने वहां दो मंजिल ऊंचा निरीक्षण टावर बनाया है जो कि वास्तविक नियंत्रण रेखा के भीतर बने भारतीय बंकरों से दस मीटर की दूरी पर हैं। इस निरीक्षण टावर से कुपुप से जुलुक तक भारतीय इलाके वाली पूरी नाथांग घाटी में भारतीय सेना की हलचल और आवाजाही को देखा जा सकता है।