Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Jul, 2017 04:34 PM
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि प्राकृतिक आपदा के प्रभाव को कम करने के लिए ऐसी तकनीक को अपनाने की जरूरत है जिससे नुकसान कम से कम हो।
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि प्राकृतिक आपदा के प्रभाव को कम करने के लिए ऐसी तकनीक को अपनाने की जरूरत है जिससे नुकसान कम से कम हो। कुमार ने राजधानी के अधिवेशन भवन में बिहार राज्य आपदा जोखिम न्यूनीकरण मंच 2017 को संबोधित करते हुए कहा कि प्राकृतिक आपदा को कोई नहीं रोक सकता। आपदा से जान-माल का नुकसान होता है। यह नुकसान कम से कम हो, हमारा यही लक्ष्य है। हमें यह लक्ष्य निर्धारित करना चाहिये कि कैसे आपदा के प्रभाव को कम कर सकें। हमें आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिये हमेशा प्रयत्नशील रहना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने बिहार को बहुआपदा प्रभावित राज्य बताया और कहा कि राज्य में विचित्र स्थिति है। प्रदेश बाढ़ एवं सुखाड़ दोनों से प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कि यदि बिहार में वर्षा कम हो फिर भी पड़ोसी देश या अन्य राज्यों में हो रही वर्षा से बिहार प्रभावित होता है। यदि नेपाल में भारी वर्षा हुयी तो नेपाल से निकलने वाली नदियों में उफान आयेगा। यदि मध्यप्रदेश एवं झारखंड में अधिक बारिश हुयी तो दक्षिण बिहार में बाढ़ की स्थिति बन जाएगी। इसी तरह यदि उत्तराखंड में अधिक वर्षा हुयी तो गंगा में उफान आ सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को हर साल बाढ़ और सुखाड़ से लडऩे के लिए तैयार रहना पड़ता है।