Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Mar, 2018 08:24 AM
अलवर व अजमेर में हाल ही में लोकसभा के लिए हुए उपचुनावों के दौरान हुई शर्मनाक हार के बाद चाहे भाजपा राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के साथ नाराज है पर उन्हें मुख्यमंत्री के पद से हटाने की योजना को फिलहाल छोड़ दिया गया है। इसकी जगह...
नेशनल डेस्कः अलवर व अजमेर में हाल ही में लोकसभा के लिए हुए उपचुनावों के दौरान हुई शर्मनाक हार के बाद चाहे भाजपा राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के साथ नाराज है पर उन्हें मुख्यमंत्री के पद से हटाने की योजना को फिलहाल छोड़ दिया गया है। इसकी जगह हाईकमान ने एक नई रणनीति तैयार की है। यह योजना बनाई गई है कि राज्य में एक नया उपमुख्यमंत्री नियुक्त किया जाए और एक ऐसी कमेटी बनाई जाए जो यह देखे कि राज्य का काम किस तरह चल रहा है। राज्यसभा की 2 टिकटें पिछड़ी श्रेणी के उम्मीदवारों किरोड़ी लाल मीणा व मदन लाल सैनी को दी गईं।
असल में पार्टी के महासचिव रूपिन्द्र सिंह यादव जो एक सिटिंग एम.पी. हैं व उन्हें दोबारा नामजद किया गया है, भी पिछड़ी श्रेणी से संबंधित हैं इसलिए अमित शाह ने संतुलित कार्रवाई की व स्पष्ट शब्दों में सिंधिया से कहा कि किसी भी फारवर्ड को राज्यसभा की टिकट नहीं दी जाएगी। इसी तरह उत्तर प्रदेश में 8 टिकटों में से ज्यादातर टिकटें पिछड़ी श्रेणियों से संबंधित उम्मीदवारों को दी गईं और योगी आदित्य नाथ की सिफारिशों को अमित शाह ने नजरअंदाज कर दिया। हाईकमान आजकल योगी के साथ भी नाराज चल रही है। इसका कारण यह है कि भाजपा गोरखपुर व फूलपुर सीटों पर हार गई है। योगी के साथ पार्टी हाईकमान इसलिए भी नाराज है क्योंकि वह समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच गठबंधन को रोकने में नाकाम रहे।