Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Dec, 2017 02:29 PM
गुजरात में भाजपा छठी बार सरकार बनाने जा रही है तो वहीं हिमाचल को भी मोदी ने पंजे के कब्जे से छीन लिया है। इतनी बड़ी जीत के बावजूद भी भाजपा की राज्यसभा की सीटें कम हो जाएंगी। दरअसल अगले साल मार्च में देश के 14 राज्यों से संसद के उच्च सदन में 50 नए...
नई दिल्लीः गुजरात में भाजपा छठी बार सरकार बनाने जा रही है तो वहीं हिमाचल को भी मोदी ने पंजे के कब्जे से छीन लिया है। इतनी बड़ी जीत के बावजूद भी भाजपा की राज्यसभा की सीटें कम हो जाएंगी। दरअसल अगले साल मार्च में देश के 14 राज्यों से संसद के उच्च सदन में 50 नए सदस्य चुने जाने हैं। गुजरात के हिस्से में राज्यसभा की चार सीटें हैं। ऐसे में 99 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज करवाने के बाद भी भाजपा का 4 में से सिर्फ 2 ही सीटों पर ही कब्जा है, बाकि की दो सीटें कांग्रेस को मिलेंगी। 182 सीटों वाली गुजरात विधानसभा में 4 सीटें (36 विधायकों पर 1 राज्यसभा सीट) हैं। इस चुनाव में कांग्रेस को 77 सीटें मिली हैं। इस गणना के आधार पर अब दोनों ही पार्टियों को 2 सीटें राज्य सभा में मिलने जा रही हैं।
इस वक्त राज्यसभा में गुजरात से 11 सांसद हैं, जिनमें से 9 भाजपा के हैं। अगले साल होने वाले चुनावों में यह संख्या घटकर 7 तक रह जाएगी। 2018 में राज्यसभा की 4 सीटों पर गुजरात के चारों प्रतिनिधि रिटायर होने वाले हैं। इन सासंदों में वित्त मंत्री अरुण जेटली, पुरुषोत्तम रुपाला, मनसुख मांडवड़िया और शंकरभाई वेगाड़ हैं। हालांकि भाजपा पर सांसदों की संख्या के कम होने का कोई खास असर नहीं पड़ेगा क्योंकि महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में भाजपा की सीटें बढ़ी हैं जिसके चलते भाजपा सासंसदों की संख्या बढ़ेगी ही। इतना ही नहीं हिमाचल में जीत के साथ ही भाजपा को राज्यसभा सीट पर फायदा होगा। हिमाचल में 2 अप्रैल को राज्य सभा सीट के लिए चुनाव होंगे। अगले साल राज्यसभा में एनडीए सांसदों की संख्या 84 से बढ़कर 100 तक हो जाएगी।