Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Sep, 2017 11:56 AM
ब्रिक्स सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात को जहां सफल बताया जा रहा है वहीं...
बीजिंगः ब्रिक्स सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात को जहां सफल बताया जा रहा है वहीं चीनी विशेषज्ञों का कहना है कि ब्रिक्स घोषणापत्र में पाकिस्तान आधारित कुछ आतंकी समूहों के नाम शामिल करने से पाकिस्तान ‘झल्ला सकता है जिससे पाकिस्तान के साथ चीन के संबंधों में दरार आ सकती है।
चाइना इंस्टीट्यूट ऑफ कंटेपररी इंटरनेशनल रिलेशंस के निदेशक हू शिशेंग ने कहा, 'चीनी राजनयिकों को आने वाले महीनों में पाकिस्तान के समक्ष बहुत सारे स्पष्टीकरण देने होंगे.' उन्होंने कहा कि इस घोषणापत्र में हक्कानी नेटवर्क का नाम शामिल करना ‘मेरी समझ से परे’ है। उन्होंने कहा, ‘इस समूह का प्रमुख ही वास्तव में अफगान तालिबान का प्रमुख है।
इससे अफगान राजनीतिक सुलह की प्रक्रिया में चीन की भूमिका और जटिल होगी। ' उन्होंने कहा, 'हम यह भी कह सकते हैं कि भविष्य में हमारी कोई भूमिका नहीं होगी।’ ब्रिक्स घोषणापत्र में पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठनों के नाम शामिल किए जाने के संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘यह मेरी समझ से परे है कि चीन इस पर कैसे सहमत हो गया है।मुझे नहीं लगता कि यह अच्छा विचार है।’