कैशलैस की रेस में पिछड़ा PGI, अभी तक नही लगाई गई स्वैप मशीनें

Edited By ,Updated: 15 Dec, 2016 11:53 AM

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शहर को कैशलैस बनाने के लिए प्रशासन के प्रयास तेज हो चुके हैं लेकिन इसके बावजूद शहर के अस्पतालों में यह सुविधा अब तक नहीं है।

चंडीगढ़ (रवि): शहर को कैशलैस बनाने के लिए प्रशासन के प्रयास तेज हो चुके हैं लेकिन इसके बावजूद शहर के अस्पतालों में यह सुविधा अब तक नहीं है। पी.जी.आई. में मौजूद दवाई की दुकानों पर अभी तक स्वैप मशीन की कोई व्यवस्था नहीं है। हालांकि मरीजों से पुरानों नोट लिए जा रहे हैं लेकिन ए.टी.एम. से पैसे न निकल पाने की वजह से काफी मरीज परेशान हैं। पी.जी.आई. गोल मार्कीट, एमरजैंसी, ट्रॉमा सैंटर, अमृत फार्मेसी और नेहरु ओल्ड मार्कीट में मौजूद दवाई की दुकानों पर अब तक यह स्वैप मशीनें नहीं लगाई गई हैं। वहीं दुकानदारों का कहना है कि  उन्होंने औपचारिकता पूरी की हुई हैं जल्द मशीनें लग जाएगी। खरड़ के रहने वाले हैप्पी सिंह अपने जीजा के इलाज के लिए पी.जी.आई. आए हुए हैं। उन्होंने बताया कि शहर के ज्यादातर ए.टी.एम. मशीनों में पैसे नहीं है ऐसे में अस्पताल में दवाई लेने के लिए उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हालात ये हैं कि पी.जी.आई. की किसी भी दुकान पर कार्ड स्वैपिंग मशीन नहीं है, जिससे लोगों को दवाइयां लेने मे परेशानी हो रही है। 

 

ए.टी.एम. खराब: पी.जी.आई. में मौजूद ए.टी.एम. में पैसा तो आ रहा है लेकिन एक घंटे के अंदर सभी ए.टी.एम. खाली हो जाते हैं। वहीं नेहरु अस्पताल में मौजूद ए.टी.एम. पिछले कई दिन से खराब पड़े हैं, जिससे लोगों को नकदी भी नहीं मिल पा रही है। मरीजों के सहूलियत के लिए पी.जी.आई. में पिछले दिनों मोबाइल ए.टी.एम. वैन का भी प्रबंध किया गया था लेकिन जरूरत होने के बावजूद उसे भी बंद कर दिया गया है। वहीं मरीजों की कहना है कि विभाग में स्वैप मशीन तो है लेकिन 500  रुपए से ऊपर होने पर ही उससे स्वैप करवाया जा सकता है।

 

जी.एम.सी.एच. और 16 में लगी मशीनें: जी.एम.सी.एच.-32 अस्पताल के डायरैक्टर डाक्टर अतुल सचदेव ने बताया कि  3 दिन पहले ही अस्पताल के कैशियर व एकैडमिक विभाग में दो स्वैप मशीनें लगाई गई हैं। वहीं ऑनलाइन बिलिंग और ड्राफ्ट द्वारा भी बिल लिए जाने के निर्देश दिए गए हैं।वहीं हैल्थ डायरैक्टर डाक्टर राकेश कुमार कश्यप ने बताया कि जी.एम.एस.एच. में 10 स्वैप मशीनें लगाई गई हैं इसके साथ ही 4 मनीमाजरा, 2 मशीनें 45 की डिस्पैंसरी, 2 सैक्टर-22, 1 सांरगपुर की डिस्पैंसरी और 1 स्वैप मशीन फूड टैस्टिंग वैन में लगाई गई है। 

 

नैटवर्क प्रॉबल्म : हालांकि विभाग द्वारा जी.एम.एस.एच. और सैक्टर-16 के अस्पताल में स्वैप मशीनें तो लगा दी गई हैं लेकिन इसके बावजूद मरीजों को इन मशीनों के सुविधाएं कम ही मिल रही हैं। सूत्रों की मानें तो नैटवर्क प्रॉब्लम होने की वजह से यह मशीनें सही काम नहीं कर पा रही है जिसकी वजह से मशीनें होते हुए भी मरीज इसका इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। 


मरीजों की सुविधाओं के लिए पी.जी.आई. के 10 विभागों में फिलहाल स्वैप मशीनें लगाई गई हैं। इनमें 2 मशीनें ओ.पी.डी., 2 नेहरु अस्पताल, 1 एडवांस पैडएट्रिक सैंटर, 1 एडवांस कॉॢडयक सैंटर, 1 एमरजैंसी, 1 ट्रॉमा,  जबकि दो मशीनें 15 दिसम्बर को रिसर्च ब्लॉक और रोडियोलॉजी विभाग में लगाई जाएगी। किसी भी तरह के टैस्ट और दूसरे बिङ्क्षलग के लिए मरीज इस मशीन से स्वैप करवा सकते हैं। -मंजू वडवालकर, मीडिया प्रवक्ता, पी.जी.आई.

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