पिछले 11 साल में बैंकों पर 2.6 लाख करोड़ खर्च कर चुकी है केंद्र सरकार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Feb, 2018 11:23 AM

central government has spent 2 6 lakh crore on banks in 11 years

केंद्र सरकार बैंकों को एनपीए से उभारने की कोशिश में उन्हें करीब 2.6 लाख करोड़ रुपए दे चुकी है। पिछले 11 सालों में तीन वित्त मंत्रियों का कार्यकालों के दौरान बैंको को इतना पैसा दिया गया है जोकि ग्रामीण विकास के लिए आवंटित की गई राशि से भी ज्यादा है।

नई दिल्लीः केंद्र सरकार बैंकों को एनपीए से उभारने की कोशिश में उन्हें करीब 2.6 लाख करोड़ रुपए दे चुकी है। पिछले 11 सालों में तीन वित्त मंत्रियों का कार्यकालों के दौरान बैंको को इतना पैसा दिया गया है जोकि ग्रामीण विकास के लिए आवंटित की गई राशि से भी ज्यादा है। वित्त मंत्री की कोशिश हमेशा ही सोशल सेक्टर को सुधारने के साथ-साथ राजकोषीय घाटे को कम करने की होती है लेकिन पिछले 11 साल से वित्त मंत्रालय के सामने बैंकों को सुधारने की भी चुनौती खड़ी हो गई है। कॉर्पोरेट फ्रॉड और बैड लोन के कारण बैंकों एनपीए बढ़ने के कारण इसको काबू करने के लिए सरकार पीएसयू बैंकों में पैसे लगा रही है।

पिछले इन 11 सालों में प्रणव मुखर्जी, पी चिदंबरम और अरुण जेटली पब्लिक सेक्टर बैंकों को एनपीए से उबारने के लिए 2.6 लाख करोड़ रुपए लगा चुके हैं। यह आंकड़ा 2जी के अनुमानित घाटे से भी ज्यादा है। सरकार 2010-11 से 2016-17 के बीच बैंकों को 1.15 लाख करोड़ दे चुकी है। एसबीआई समेत अन्य पब्लिक सेक्टर बैंक, एनपीए के कारण पिछले दो वित्त वर्षों से घाटे में हैं।  बैंक ऑफ बड़ौदा का हाल भी ऐसा ही है। वहीं इस मामले में बैंकों का कहना है कि मुद्रा समेत कई सरकारी योजनाओं के शुरू होने के कारण बैंकों को कर्ज देना पड़ रहा है जिसके कारण बैंकों की स्थिति बिगड़ रही है।

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