Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Mar, 2018 12:32 AM
राजस्थान के एडिशनल चीफ सेक्रेट्री को सुप्रीम कोर्ट में अपने कपड़ों को लिए शर्मिंदगी उठानी पड़ी, इतना ही सर्वोच्च न्यायलय के जज ने उन्हें लताड़ भी लगा दी। देश की सर्वोच्च अदालत में आने वाले लोगों को कोर्ट की मर्यादा के अनुकूल वेशभूषा धारण कर आने को...
नेशनल डेस्क: राजस्थान के एडिशनल चीफ सेक्रेट्री को सुप्रीम कोर्ट में अपने कपड़ों को लिए शर्मिंदगी उठानी पड़ी, इतना ही सर्वोच्च न्यायलय के जज ने उन्हें लताड़ भी लगा दी। देश की सर्वोच्च अदालत में आने वाले लोगों को कोर्ट की मर्यादा के अनुकूल वेशभूषा धारण कर आने को कहा है। अदालत ने कोर्टरूम की गरिमा को कुछ लोगों द्वारा हल्के में लिये जाने पर चिंता व्यक्त की है। जस्टिस चेलमेश्वर और संजय के कौल की कोर्ट में गुरुवार (22 मार्च) को यह मुद्दा प्रमुखता से आया।
यह था मामला
मामला यह था कि बुधवार को राजस्थान के अपर मुख्य सचिव कोर्ट में अनौपचारिक लिबास पहनकर आए थे। एक केस के सिलसिले में जस्टिस चेलमेश्वर और संजय के कौल की बेंच में उपस्थित हुए अपर मुख्य सचिव ने गुलाबी शर्ट और ग्रे रंग की पैंट पहन रखी थी। वरिष्ठ अधिकारी को इस लिबास में देखकर जस्टिस चेलमेश्वर ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, “क्या आपके दफ्तर में लोग इस तरह के कपड़े पहनकर आते हैं? क्या आपके अधिकारी चप्पल, धोती और अनौपचारिक कपड़े पहनकर आपसे मिलने आते हैं? ब्यूरोक्रेट्स के लिए एक ड्रेस कोड होता है, क्या आपने नियमों को पढ़ा है? यदि आपको नियम नहीं पता है और आप ये नहीं जानते हैं कि एक अधिकारी को कोर्ट में उपस्थित होते वक्त क्या ड्रेस पहनना चाहिए, तो आप अपर मुख्य सचिव रहने के योग्य नहीं हैं।”
एडिशनल सॉलिसिटर ने संभाला मामला
इसके बाद राज्य सरकार की ओर से पेश हो रहे एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एनएनएस नंदकर्णी और खुद अधिकारी ने इसके लिए माफी मांगी, लेकिन बेंच ने इसे तब तक मानने से इनकार कर दिया जब तक अधिकारी नियमों का पालन नही करते। गुरुवार को यह ये मामला फिर से सुनवाई के लिए आया तो अधिकारी काले कोट, पैंट और टाई में मौजूद थे। उन्होंने पिछले दिन उस लिबास में आने के लिए एक बार फिर से खेद जताया। इस बीच एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि यद्यपि इस बारे में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एक बार निर्देश जारी किये थे लेकिन ब्यूरोक्रेट्स के ड्रेसकोड के बारे में कोई नियम नहीं था। इस पर अदालत ने कहा कि नियम रहे या ना रहे, एक ब्यूरोक्रेट को एक औपचारिक ड्रेस ही पहनना चाहिए, जिससे अदालत की गरिमा का पालन होता हो।