छत्तीसगढ़ में जोगी बन सकते हैं कांग्रेस की मुसीबत

Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Dec, 2017 12:23 PM

chhattisgarh  assembly elections  punjab kesari  bjp

अगले साल होने वाली सियासी गतिविधियों में से छत्तीसगढ़ का विधानसभा चुनाव भी एक अहम गतिविधि होगा। हालांकि यह चुनाव दिसंबर में होना है लेकिन यदि केंद्र सरकार ने राज्यों के चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ करवाने का फैसला किया तो यह चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ...

नई दिल्ली: अगले साल होने वाली सियासी गतिविधियों में से छत्तीसगढ़ का विधानसभा चुनाव भी एक अहम गतिविधि होगा। हालांकि यह चुनाव दिसंबर में होना है लेकिन यदि केंद्र सरकार ने राज्यों के चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ करवाने का फैसला किया तो यह चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ भी हो सकता है। पंजाब केसरी के संवाददाता नरेश कुमार बता रहे हैं कि राज्य के गठन के बाद से ही किस तरीके से छत्तीसगढ़ के चुनावों में मुद्दों की बजाय जमीनी सियासी प्रबंधन हावी रहता है।

लगातार 3 बार बनी भाजपा की सरकार
2003 में इस प्रदेश के गठन के बाद से ही यहां लगातार 3 बार भाजपा की सरकार बनी है और यदि अगले चुनाव में भी कांग्रेस ने इस राज्य में जमीनी स्तर पर प्रबंधन मजबूत न किया तो भाजपा को रोकना कांग्रेस के लिए मुश्किल हो सकता है। कांग्रेस ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी व उनके बेटे अमित जोगी को पार्टी से निकाला है और पिता-पुत्र की यह जोड़ी आंध्र प्रदेश की तर्ज पर कांग्रेस के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकती है। आंध्र प्रदेश में भी जगनमोहन रैड्डी ने अलग पार्टी बनाकर राज्य से कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया था और जोगी भी अगले विधानसभा चुनाव में इसी राह पर चलते नजर आ रहे हैं। उन्होंने पिछले साल जून में छत्तीसगढ़ कांग्रेस का गठन किया है और वह अगले चुनाव में उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रहे हैं। यदि जोगी ने छत्तीसगढ़ में वोटों का विभाजन कर दिया तो भाजपा को उसका फायदा होगा। प्रदेश का चुनावी इतिहास बताता है कि कांग्रेस छत्तीसगढ़ में भाजपा से कम और आजाद उम्मीदवारों के कारण ज्यादा हारी है।

2013 में 2 लाख से कम वोट से हारी कांग्रेस 
छत्तीसगढ़ का पिछला विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा। पार्टी को इस चुनाव में 39 सीटें मिलीं जबकि भाजपा ने  करीब 1 फीसदी वोटें ज्यादा हासिल करके  49 सीटें जीत लीं। नतीजों की रोचक बात यह रही कि कांग्रेस और भाजपा की जीत का अंतर 97,574 वोट रहा जबकि नोटा को 4,01,058 वोट मिल गए। यदि इनमें से 25 फीसदी वोट भी कांग्रेस को जाते तो नतीजे अलग हो सकते थे।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!