Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Feb, 2018 12:20 AM
पूर्व केन्द्रीय वित्त मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने आज केन्द्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार को सलाह दी कि वह अपनी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को अमल में लाने के लिए ‘अच्छे प्रबंधकों’ को नियुक्त करे। उन्होंने कहा कि...
हैदराबाद: पूर्व केन्द्रीय वित्त मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने केन्द्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार को सलाह दी कि वह अपनी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को अमल में लाने के लिए ‘अच्छे प्रबंधकों’ को नियुक्त करे। उन्होंने कहा कि सरकार के कार्यक्रम तो अच्छे हैं लेकिन उन्हें चलाने वाले प्रबंधक अयोग्य हैं।
चिदंबरम ने आर्थिक सर्वेक्षण का संदर्भ देते हुए कहा कि सरकार की कुछ कल्याणकारी योजनाएं जैसे कि स्वच्छ भारत, ग्रामीण विद्युतीकरण और एलपीजी वितरण योजनाएं अभी भी वास्तविक परिणाम हासिल नहीं कर पाई हैं। उन्होंने रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय तो बना दिए गए हैं लेकिन उनमें पानी कनेक्शन नहीं है और न ही अपशिष्ट निपटान की प्रणाली को चुस्त दुरुस्त बनाया गया है।
चिदंबरम ने एक सार्वजनिक परिचर्चा मंच ‘मंथन’ में कहा, ‘कोई भी सरकार अथवा प्रधानमंत्री की मंशा को लेकर सवाल नहीं उठा रहा है। मुझे पूरा विश्वास है कि मंशा अच्छी है लेकिन इससे यह साबित होता है कि सरकार के पास कार्यक्रम तो अच्छे हैं लेकिन उसके कार्यक्रमों के अयोग्य प्रबंधक है।’ उन्होंने कहा, ‘आप यदि चाहते हैं कि शौचालय कार्यक्रम ठीक ढंग से अमल में आए तो आपको इसके लिए योग्य प्रबंधक चाहिए।’
बजट के बारे में पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का नया बजट किसानों, युवाओं और शिक्षा क्षेत्र की समस्याओं को दूर करने में असफल रहा है। उन्होंने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण बताता है कि कृषि क्षेत्र की वृद्धि रुक गई है। यह अच्छा संकेत नहीं है क्योंकि देश की 50 प्रतिशत से ज्यादा आबादी कृषि क्षेत्र पर आश्रित है। चिदंबरम ने कहा कि बजट वित्तीय मजबूती की परीक्षा में भी असफल रहा है।