Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Jan, 2018 02:18 PM
साल 2017 में बच्चों ने ब्लू व्हेल गेम के चलते सुसाइड नहीं किया है। यह कहना है गृह राज्यमंत्री हंसराज गंगाराम अहीर का। दरअसल उन्होंने लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के जवाब में कहा कि ''संघशासित प्रदेशों और देश के सभी राज्यों में ब्लू व्हेल खेलने के कारण...
नई दिल्लीः साल 2017 में बच्चों ने ब्लू व्हेल गेम के चलते सुसाइड नहीं किया है। यह कहना है गृह राज्यमंत्री हंसराज गंगाराम अहीर का। दरअसल उन्होंने लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के जवाब में कहा कि 'संघशासित प्रदेशों और देश के सभी राज्यों में ब्लू व्हेल खेलने के कारण बच्चों द्वारा आत्महत्या करने के दावों के बाद इस पूरे प्रकरण की गंभीरता से जांच के निर्देश दिए गए थे। इसके लिए सीईआरटी-इन के अंतर्गत एक कमिटी का गठन किया गया था। कमिटी ने इस पूरे प्रकरण की गहनता से जांच की और निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले काफी होमवर्क किया। कमिटी ने जो रिपोर्ट सौंपी है उसमें कहीं भी आत्महत्या के पीछे ब्लू व्हेल गेम के प्रभाव की बात सामने नहीं आई।
अहीर ने कहा कि बच्चों द्वारा की जाने वाली इंटरनेट एक्टिविटी, सोशल मीडिया एक्टिविटी की जांच के साथ कुछ ऐसे बच्चों से बात की गई जिन्होंने आत्महत्या की कोशिश की थी लेकिन उन्हें बचाया जा सका। किसी भी घटना में इस बात के प्रमाण नहीं मिले कि गेम खेलने के कारण बच्चों ने आत्महत्या का रास्ता अपनाया।' हाल ही में हैदराबाद के गांडीपेट इलाके में रहने वाले 19 वर्षीय युवक टी. वरुण ने अपने चेहरे पर प्लास्टिक शीट कसकर लपेट लिया था, जिसके चलते दम घुटने से उसकी मौत हो गई। उसकी मौत के पीछ भी ब्लू व्हेल गेम को कारण माना जा रहा है। हालांकि पुलिस ने इस पर आशंका ही जताई थी।
बता दें कि पिछले साल ब्लू व्हेल गेम को लेकर काफी चर्चा हुई थी। दावा किया जा रहा था कि कई बच्चों ने इस गेम के प्रभाव में आकर खुदकुशी की और कइयों को बचाया भी गया लेकिन अब सीईआरटी-इन की रिपोर्ट के बाद सवाल खड़े हो गए हैं कि फिर इतने बच्चों के हाथ पर ब्लू व्हेल का निशान क्यों था और क्यों उन बच्चों ने सुसाइड किया।