Exclusive: विवाद के बीच चीनी पर्यटकों में उमड़ रहा है भारत प्रेम

Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Jul, 2017 11:20 AM

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सीमा पर भारत और चीन के बीच चल रही तनातनी के बावजूद चीनी पर्यटकों और व्यापारियों का भारत प्रेम बढ़ता ही जा रहा है।

नई दिल्ली: सीमा पर भारत और चीन के बीच चल रही तनातनी के बावजूद चीनी पर्यटकों और व्यापारियों का भारत प्रेम बढ़ता ही जा रहा है। चीन स्थित भारतीय दूतावास की वैबसाइट के मुताबिक 2016 में जहां भारत आने वाले चीनी नागरिकों की संख्या में 23 प्रतिशत का उछाल आया था वहीं 2017 के पांच महीनों में ही चीनी नागरिकों की संख्या 9 प्रतिशत बढ़ चुकी है। इसमें चीनी पर्यटकों के साथ ही बड़ी संख्या में चीनी व्यापारी शामिल हैं। यही नहीं इसके अलावा बड़ी संख्या में चीनी व्यापारियों और पर्यटकों ने वीजा के लिए विदेश मंत्रालय में आवेदन किया है। इससे जाहिर है कि चीन के व्यापारियों में भारत प्रेम लगातार बढ़ रहा है। 

आनलाइन ट्रैविंल पैकेज देने वाली संस्था यात्रा के प्रैसीडैंट शरत ढल्ल बताते हैं कि चीन से आने वाले नागरिकों में बड़ी संख्या में व्यापारी और उद्योगपति शामिल रहते हैं, क्योंकि चाइना के टाप 15 बाजार में भारत भी शामिल है। यही वजह है कि चीन से भारत आने वाले पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। आंकड़ों के मुताबिक लगातार तीसरे साल दोहरे अंकों में पर्यटकों की वृद्धि देखने को मिली है। वर्ष 2003 में चीन से भारत आने वालों की संख्या जहां महज 21,152 थी वहीं 2016 में यह संख्या बढ़कर 2,54,000 तक पहुंच चुकी है।

खास बात यह है पिछले तीन सालों में यह ग्रोथ तेजी से बढ़ा है। 2013 में चीन से आने वाले पर्यटकों की संख्या जहां 174712 थी वहीं 2014 में यह संख्या 181020 पहुंच गई जोकि 3.6 प्रतिशत की वृद्धि है। 2015 में 14 प्रतिशत वृद्धि के साथ यह संख्या 206322 पहुंच गई, जबकि 2016 में यह संख्या 23.2 प्रतिशत बढ़कर 254286 पहुंच चुकी है। आंकड़ों के मुताबिक अक्तूबर से मार्च के बीच चीन से आने वाले पर्यटकों की संख्या सबसे ज्यादा रहती है। यही नहीं चीन जाने वाले भारतीयों की संख्या उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2013 में सबसे ज्यादा 676,000 रही थी।

तनाव से चिंतित हैं चीनी कंपनियां 
भारत और चीन के बीच सीमा पर बढ़ रहे तनाव से चीन की कई कंपनियां चिंतित नजर आ रही हैं। दरअसल इन कंपनियों का भारत के साथ बड़ा व्यापार है, ऐसे मे यदि दोनों देशों के रिश्ते बिगड़ते हैं तो इसका असर व्यापार पर भी पड़ेगा। यहां बता दें कि चाइनीज मोबाइल कंपनियों के लिए भारत तेजी से उभरता बाजार है। चाइनीज ब्रांड जिओमी, ओप्पो और वीवो भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाले शीर्ष पांच ब्रांडों में शामिल हैं।

यही नहीं संघाई अर्बन कंस्ट्रक्शन ग्रुप ने लार्सन और टर्बो गु्रप के साथ रियल स्टेट में काम शुरू किया है। वहीं चाइनीज रियल स्टेट दिग्गज वांडा ग्रुप ने हरियाणा में इंंडस्ट्रियल टाउनशिप स्थापित किए जाने की घोषणा की है। ऐसी ही तमाम कंपनियां, होटल ग्रुप हैं जो कि भारत में व्यापार को फैला रहे हैं। ऐसे में भारत-चीन के बिगड़ते रिश्तों के बीच यह अपना कारोबार भारत से समेटने पर भी विचार कर सकते हैं। 

 

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