Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Feb, 2018 06:52 PM
कान की बीमारी ‘माइक्रोटिया’ के साथ पैदा हुए बच्चों में बाहरी कान का ठीक से विकास नहीं हो पाता और छोटा रह जाता है लेकिन चीनी वैज्ञानिकों ने 5 बच्चों को नए कान दिए हैं जो एक प्रयोगशाला में कोशिकाओं का उपयोग कर 3डी प्रिटिंग बायोडिग्रेडेबल मोल्ड की...
नई दिल्ली: कान की बीमारी ‘माइक्रोटिया’ के साथ पैदा हुए बच्चों में बाहरी कान का ठीक से विकास नहीं हो पाता और छोटा रह जाता है लेकिन चीनी वैज्ञानिकों ने 5 बच्चों को नए कान दिए हैं जो एक प्रयोगशाला में कोशिकाओं का उपयोग कर 3डी प्रिटिंग बायोडिग्रेडेबल मोल्ड की सहायता से बनाए गए हैं।
चीनी विज्ञानियों द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया अपनी तरह की पहली प्रक्रिया है जिसमें उन्होंने पुनर्योजी दवाओं की मदद से प्रयोगशाला में एक मानव अंग विकसित किया है जो बाद में शल्य चिकित्सा की मदद से प्रत्यारोपित किया गया।
वैज्ञानिकों ने बच्चों के सामान्य कानों के 3डी माडल बनाए, फिर उन्होंने बच्चों से क्लॉन्ड्रोसाइट्स नामक कोशिकाओं को एकत्र किया और उन्हें प्रयोगशाला में विकृत कानों के रूप में ढालना शुरू किया। 3 महीनों के बाद प्रयोगशाला में विकसित कानों को बच्चों में लगा दिया गया।