Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Jul, 2017 04:10 PM
डोकलाम को लेकर भारत के खिलाफ चीन के उकसावे वाले बयान बदस्तूर जारी है...
बीजिंगः डोकलाम को लेकर भारत के खिलाफ चीन के उकसावे वाले बयान बदस्तूर जारी है। अमरनाथ यात्रा हमले पर चुप्पी साधे बैठे इस बार चीन ने कश्मीर मुद्दे को अपना मोहरा बनाते कहा कि वहां के हालात ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान खींचा है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेंग शुआंग ने कहा, 'भारत और पाकिस्तान दक्षिण एशिया के अहम देश हैं। कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास टकराव जारी है, इससे न केवल दोनों देशों बल्कि पूरे क्षेत्र की शांति और स्थिरता को नुकसान है।'
शुआंग ने कहा कि हमें आशा है कि दोनों पक्ष इलाके में तनाव कम करने और शांति व स्थिरता बनाने में सहायक कुछ और जरूरी कदम उठाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध सुधारने में चीन रचनात्मक भूमिका निभाने का इच्छुक है। दरअसल भारत शुरू से ही कश्मीर को आंतरिक मामला बता कर अंतर्राष्ट्रीय हस्तक्षेप की किसी भी कोशिश को शुरू से खारिज करता रहा है। ऐसे में चीन का यह बयान भारत को चिढ़ाने के मकसद से ही दिया गया प्रतीत होता है। वहीं एक और बात गौर करने वाली ये है कि भारत-पाकिस्तान के बीच एलओसी पर बीते कई महीनों से जारी तनाव को लेकर तो चीन ने बयान दिया, लेकिन अमरनाथ में तीर्थयात्रियों पर हुए आतंकी हमले को लेकर कोई बयान नहीं दिया।
गौरतलब है कि डोकलाम के मुद्दे पर भारत और चीन के बीच तनातनी का माहौल है। इस दौरान चीन की तरफ से लगातार उकसावे वाले बयान आ रहे हैं। इससे पहले चीन के एक सरकारी अखबार के संपादकीय में सीधे-सीधे धमकी देते हुए लिखा गया था कि इससे पहले कि हालात और बिगड़ जाएं और भारत को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ें वो डोकलाम से अपने सैनिक हटा ले।
वहीं चीनी सरकार के मुख्यपत्र माने जाने पीपुल्स डेली ने भी मंगलवार को अपने संपादकीय में 22 सितंबर 1962 में छपे एक भड़काऊ संपादकीय को दोबारा प्रकाशित किया है इस लेख में उसने 'क्षेत्रीय उकसावे' को लेकर भारत को चेतावनी दी है। बता दें कि भारत, चीन और भूटान सीमा पर स्थित डोकलाम पर चीन अपना दावा कर रहा है, वहीं भारत और भूटान का कहना है कि ये हिस्सा भूटान का है और विवादित है।