Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Feb, 2018 10:38 AM
चीन एक बर फिर भारत को उकसाने वाली हरकतों पर उतर आया है। डोकलाम में निर्माण के बाद चीन की गिद्ध दृष्टि अब तिब्बत पर है। चीन ने तिब्बत में अपनी ताकत बढ़ाते यहां फाइटर जेट और नेवी के वॉरशिप्स (युद्धक पोत )तैनात कर दिए हैं।
बीजिंग: चीन एक बर फिर भारत को उकसाने वाली हरकतों पर उतर आया है। डोकलाम में निर्माण के बाद चीन की गिद्ध दृष्टि अब तिब्बत पर है। चीन ने तिब्बत में अपनी ताकत बढ़ाते यहां फाइटर जेट और नेवी के वॉरशिप्स (युद्धक पोत )तैनात कर दिए हैं। इससे साफ तौर पर उसकी भारत को उकसाने वाली कार्रवाई का संकेत मिलता है। तिब्बत में सिर्फ चीन की सेना ही नहीं बल्कि पीएलए एयरफोर्स और नेवी ने भी हाल के दिनों में अपनी ताकत दिखाई है। बीते साल के मुकाबले तिब्बत में चीन ने फाइटर जेट्स की तैनाती में 20 फीसदी का इजाफा कर दिया है।
इम्स नाउ की रिपोर्ट के मुताबिक एक हालिया इंटेलिजेंस नोट में कहा गया है, 'बीते तीन सप्ताह में फाइटर जेट्स की संख्या 47 से 51 के करीब हो गई है। बीते साल की तुलना में यह संख्या 10 एयरक्राफ्ट अधिक है।' ल्हासा-गोंगका में चीन ने 8 फाइटर जेट्स तैनात किए हैं। इसके अलावा एयर मिसाइल सिस्टम्स समेत 22 एमआई-17 हेलिकॉप्टर्स समेत कई अन्य हथियार भी तैनात हैं। होपिंग-रिकाजे में चीनी वायु सेना के 18 एयरक्राफ्ट्स तैनात हैं। इसके अलावा 11 एमआई-17 अनमैन्ड एरियल वीकल्स भी शामिल हैं। यही नहीं, चीन ने तिब्बत में भारत से लगती सीमा में जमीन से हवा पर मार करने वाली मिसाइलों को भी तैनात कर दिया है। काशी इलाके में भी चीन ने 12 फाइटर एयरक्राफ्ट्स की तैनाती की है।
इनमें 8 जेएच-7 और 4 जे-11 एयरक्राफ्ट शामिल हैं। चीन ने यहां भी जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलें तैनात कर रखी हैं। इसके अलावा कई अन्य इलाकों में भी कुछ एयरक्राफ्ट्स देखे गए हैं। यही नहीं चीन ने सिक्किम सेक्टर के सामने वाले चीन के इलाके में भी एयरक्राफ्ट्स की तैनाती कर रखी है। रिपोर्ट में कहा गया है, 'चीन की ओर से तैनात एयरक्राफ्ट्स की तैनाती की संख्या सर्दी के दिनों में इतनी ही बनी रह सकती है।'यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि चीन ने ऐसे वक्त में तिब्बत में एयरक्राफ्ट्स की तैनाती कर रखी है, जबकि इस इलाके में सर्दियों के सीजन में चीन की ओर से उड़ानों पर रोक रहती है। इसके चलते भारत की ओर से नियमित अभ्यास और वायु सेना की रक्षात्मक कार्रवाई शुरू की जा सकती है।