ब्रिक्स सम्मेलन की सफलता संदेह के घेरे में !

Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Sep, 2017 12:11 PM

china india border dispute could hurt brics summit

विभिन्न देशों में डंपिग रोधी शुल्क का भुगतान करने वाले चीन का कहना है कि ब्रिक्स सम्मेलन का मुख्य मुद्दा संरक्षणवाद होगा और सभी सदस्य राष्ट्र इसके खिलाफ एकजुट विरोध दर्ज करेंगे...

बीजिंग:  विभिन्न देशों में डंपिग रोधी शुल्क का भुगतान करने वाले चीन का कहना है कि ब्रिक्स सम्मेलन का मुख्य मुद्दा संरक्षणवाद होगा और सभी सदस्य राष्ट्र इसके खिलाफ एकजुट विरोध दर्ज करेंगे। चीन के उप वाणिज्य मंत्री ने आज कहा कि शियामेन शहर में आयोजित होने वाले इस तीन दिवसीय सम्मेलन में सभी सदस्य राष्ट्र ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्र प्रमुख हिस्सा ले रहे हैं और इस दौरान संरक्षणवाद पर मुख्य रूप से चर्चा होगी। 

इस सम्मेलन में अतिथि राष्ट्र थाईलैंड, मैक्सिको, मिस्त्र, गिनी और तजाकिस्तान भी शाामिल होंगे। ब्रिक्स में नये देशों को शामिल करने की चर्चा भी जोरों पर है और संभवत: ‘ब्रिक्स प्लस‘भी इस सम्मेलन का एक मुद्दा होगा। हालांकि, भारत और चीन के बीच डोकलाम गतिरोध समाप्त होने के चंद दिनों बाद ही आयोजित होने वाले इस सम्मेलन की सफलता संदेह के घेरे में हैं। 

चीन का मानना है कि बहुस्तरीय व्यापार प्रणाली तथा संरक्षणवाद के खिलाफ सभी सदस्य राष्ट्र एकमत होंगे। उन्होंने साथ ही बताया कि चीन मेक्सिको के साथ मुक्त व्यापार समझौता करने को इच्छुक है। चीन का यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने देश के कारोबारियों के हित में संरक्षणवाद की जोर शोर से वकालत कर रहे हैं। 

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