Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Oct, 2017 12:23 PM
भारत के विरोध के बावजूद पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में झेलम नदी पर कारोत पनबिजली परियोजना को चीन तय समय से पहले पूरा करना चाहता है...
बीजिंगः भारत के विरोध के बावजूद पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में झेलम नदी पर कारोत पनबिजली परियोजना को चीन तय समय से पहले पूरा करना चाहता है। पाकिस्तान में बिजली संकट को कम करने के लिए इस परियोजना पर काम चल रहा है, जिसकी लागत 2 अरब डॉलर है । इसे 30 साल के लिए ‘बिल्ड-ओन- ऑपरेट- ट्रांसफर’(बीओटी) आधार पर बनाया जा रहा है. इसके बाद इसका मालिकाना हक पाकिस्तान सरकार को मिल जाएगा। कारोत बिजली स्टेशन की क्षमता 720 मेगावाट है।
कारोत पनबिजली परियोजना के अलावा पाकिस्तान के लिए चीन हाइड्रो, विंड और सोलर पावर पर आधारित कई और परियोजनाएं भी शुरू करेगा। चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स अखबार के मुताबिक कारोत बिजली कंपनी लिमिटेड एक चीनी कंपनी की सहायक कंपनी है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि परियोजना से पाकिस्तान की बिजली की कमी दूर करने में मदद मिलेगी और इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार का सृजन होगा। हालांकि, खबर में परियोजना के पूरा होने की नई समय सीमा का जिक्र नहीं है।
शंघाई एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज के शोधार्थी हु झियोंग के हवाले से अखबार ने कहा है कि भारत ने इस परियोजना को लेकर बार-बार चिंता जाहिर की है क्योंकि यह परियोजना विवादित कश्मीर में स्थित है। लेकिन ये चीन और पाकिस्तान के बीच सहयोग को प्रभावित नहीं करेगा क्योंकि संबंध स्थिर है और यह भारत को लक्षित नहीं होगा। उन्होंने कहा है कि चीन के सहयोग से पाकिस्तान की बिजली की कमी 2025 तक दूर होने की संभावना है।