Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Aug, 2017 07:23 PM
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आज समुदाय आधारित आपदा प्रतिक्रिया को अपनाने और आपातकाल से निपटने के दौरान स्थानीय संस्थानों को शामिल करने पर जोर दिया।
श्रीनगर : मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आज समुदाय आधारित आपदा प्रतिक्रिया को अपनाने और आपातकाल से निपटने के दौरान स्थानीय संस्थानों को शामिल करने पर जोर दिया। आज यहां राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की 6ठी बैठक में मुख्यमंत्री ने स्थानीय स्वयंसेवकों के बीच आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करने का निर्देश दिया, जिसके लिए उन्होंने स्थानीय मस्जिदों, गुरुद्वारों, मंदिरों और चर्चों की प्रबंधन समितियों से संबंधित निर्देश दिये।
महबूबा मुफ्ती ने बाढ़ के लिए एक रोकथाम और प्रतिक्रिया योजना तैयार करने और प्रभावी सामुदायिक भागीदारी के साथ वार्ड के सभी पारंपरिक साधनों का उपयोग करने का निर्देश दिया। उन्होंने झेलम नदी पर तटबाधों की ऊंचाई बढ़ाने और बढ़ाने का भी निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने आपदा के मद्देनजर मेडिकल और ट्रॉमा सुविधाओं के मूल्यांकन का भी निर्देश दिया। उन्होंने दुर्घटना प्रतिक्रिया प्रबंधन में उपयोग किए जाने वाले हेवी ड्यूटी डिवाटरिंग पंप, बर्फ कटर, नौकाओं, जीवन जैकेट, टेंट, डीजी सेट आदि की खरीद का भी निर्देश दिया। उन्होंने खाद्य गोदामों के एक महत्वपूर्ण मूल्यांकन करने और भारी बाढ़ या किसी अन्य आपदा के मामले में आपूर्ति श्रृंखला तैयार करने को भी कहा।
महबूबा मुफ्ती ने निर्देश दिया कि जिला स्तर पर आपदा प्रबंधन की प्रतिक्रिया के निपटान लिए प्रत्येक उपायुक्त को एक परिक्रामी निधि के रूप में प्रत्येक को एक करोड़ देने को कहा। मुख्यमंत्री ने झेलम में ड्रेजिंग की गति और घाटी में बाढ़ के चैनलों से मिट्टी हटाने के बारे में जानकारी ली। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने एसडीएमए की वेबसाइट भी शुरू की। उन्होंने वेबसाइट पर मौसम के पूर्वानुमान के निरंतर अद्यतन करने का निर्देश दिया।
बैठक में सूचित किया गया कि राज्य में आपदा प्रबंधन प्रतिक्रिया को विधिवत रूप से आपदा प्रबंधन नीति के अपनाने और निष्पादन के साथ संस्थागत किया गया है। इसके अलावा बैठक में सूचित किया गया कि आपात स्थितियों के मामले में सेवाओं, उपकरणों और सुविधाओं का एक सूची तैयार की जा रही है, जो एक महीने में पूरा हो जाएगा।