Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Jul, 2017 11:56 PM
एनडीए की आेर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार एम वेंकैया नायडू ने कांग्रेस द्वारा उनपर और .....
नई दिल्ली: एनडीए की आेर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार एम वेंकैया नायडू ने कांग्रेस द्वारा उनपर और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ लगाए गए अनियमितता के आरोपों को सोमवार को 'पूरी तरह गलत' और 'राजनीति से प्रेरित' बताया। नायडू ने कहा कि कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने जो मुद्दे उठाए हैं उसका जवाब अतीत में भी दिया जा चुका है। नायडू हाल तक केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री और आवास एवं शहरी विकास मंत्री थे।
एसबीटी पहला और अंतिम नहीं जिसे छूट दी गई
नायडू ने आरोपों का बिंदुवार खंडन करते हुए एक वक्तव्य में कहा,"यह साफ है कि इन मुद्दों का उल्लेख उपराष्ट्रपति चुनाव से कुछ दिन पहले किया गया है, जो राजनैतिक मंशा और शरारतपूर्ण मंशा को दर्शाता है।" उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस पार्टी की नाउम्मीदी और राजनैतिक दिवालियेपन की भावना का स्पष्ट सबूत है। उनकी बेटी द्वारा संचालित स्वर्ण भारत ट्रस्ट को विकास शुल्क के भुगतान से छूट दिए जाने पर नायडू ने कहा कि जब यह मुद्दा मीडिया ने उठाया था तब तेलंगाना सरकार ने अपने 23 जुलाई 2017 के प्रत्युत्तर में साफ किया कि एसबीटी 'पहला और अंतिम' नहीं है जिसे इस तरह की छूट दी गई। उन्होंने कहा, "दरअसल, उसने एेसे कई अन्य संगठनों का भी ब्योरा दिया जिसे इस तरह की छूट दी गई। इसमें राज्य में कांग्रेस की सरकारों द्वारा दी गई छूट भी शामिल है।"
विकास शुल्क के भुगतान से छूट
नायडू ने कहा कि तेलंगाना सरकार ने यह भी कहा कि ट्रस्ट को सामाजिक सेवाएं करने के लिए प्रोत्साहन देने के लिए छूट दी गई। नायडू कांग्रेस नेता जयराम रमेश द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब दे रहे थे जिसमें कहा गया कि 20 जून को तेलंगाना सरकार ने गोपनीय आदेश जारी किया जिसके तहत एसबीटी को हैदराबाद मेट्रोपोलिटन विकास प्राधिकरण को दो करोड़ रुपए से अधिक के विकास शुल्क के भुगतान से छूट दी गई। नेल्लूर जिले में भूमि पर कब्जा करने के मुद्दे पर नायडू ने कहा कि मामला 2002 में स्थानीय कांग्रेसी नेताओं ने उठाया था और यहां तक कि अदालतों का भी दरवाजा खटखटाया था और भूमि पर कब्जा करने के आरोपों को खारिज कर दिया गया था। रमेश ने आरोप लगाया था कि नायडू को बाद में भूमि लौटाने पर मजबूर होना पड़ा था।