Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Feb, 2018 10:30 PM
कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने राकांपा के साथ चुनावी गठबंधन के लिए अब तक ‘सैद्धांतिक मंजूरी’ नहीं दी है। हालांकि, दोनों दलों के नेताओं के बीच की हालिया बैठक के बाद अगले आम चुनावों के पहले संभावित समझौते के बारे में बातें की जा रही हैं।
नई दिल्ली: कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने राकांपा के साथ चुनावी गठबंधन के लिए अब तक ‘सैद्धांतिक मंजूरी’ नहीं दी है। हालांकि, दोनों दलों के नेताओं के बीच की हालिया बैठक के बाद अगले आम चुनावों के पहले संभावित समझौते के बारे में बातें की जा रही हैं।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि गठबंधन के विचार को पार्टी आलाकमान की ओर से अब तक औपचारिक रूप से मंजूरी नहीं मिली है। कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को मुंबई में छह फरवरी को दोनों दलों के राज्य के नेताओं की बैठक के बारे में बताया गया। इसमें महाराष्ट्र में दो संसदीय सीटों पर उपचुनाव और विधान परिषद की 21 सीटों पर होने वाले चुनाव को लेकर भी चर्चा हुई।
कांग्रेस और राकांपा के केंद्रीय नेतृत्व की मंजूरी से दलों के बीच गठबंधन के प्रयासों को गति मिलेगी। दोनों पार्टियों ने 15 साल तक महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार चलाने के बाद 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के पहले अपनी राहें अलग कर ली थीं। एक सूत्र ने बताया, ‘राज्य के नेताओं ने गठबंधन के मुद्दे पर चर्चा के लिए बैठक की। लेकिन, गठबंधन के लिए सैद्धांतिक मंजूरी नहीं मिल पाई है। चीजें अभी शुरुआती चरण में है। दोनों दलों के शीर्ष नेतृत्व को इस पर फैसला करना है।’
पार्टी के एक और सूत्र के मुताबिक, कांग्रेस की राज्य इकाई 2019 के आम चुनावों और राज्य चुनावों के लिए इस तरह के गठबंधन की ‘‘मजबूती और कमजोरी’’ को चिन्हित कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर दोनों दल साथ आते हैं तो कांग्रेस शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी के साथ गठबंधन के लिए नये फार्मूले की हिमायत करेगी। समझौते के पहले केवल सीट बंटवारे पर ही नहीं, विभागों की भी समीक्षा की जरूरत होगी।
राकांपा के एक नेता ने कहा कि पार्टी समझौता करना चाहती है लेकिन सबसे पहले मतभेदों को सुलझाना होगा। पहचान जाहिर नहीं करने का अनुरोध करते हुए राकांपा के वरिष्ठ सदस्य ने कहा, ‘हम सत्तारूढ़ गठबंधन से मुकाबले के लिए गठबंधन करना चाहते हैं। लेकिन कुछ मुद्दे हैं जिसका समाधान करना होगा। ’