Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Jan, 2018 02:08 PM
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में अपनी मांगों के समर्थन और सरकार के विरोध में पहले महिला अध्यापकों, फिर छात्रों द्वारा कराए मुंडन संस्कार के बाद आज कांग्रेस के भी कई कार्यकर्ताओं के अपना मुंडन कराने के बाद इस मुद्दे पर राजनीति गर्मा गई है। कांग्रेस की...
भोपाल: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में अपनी मांगों के समर्थन और सरकार के विरोध में पहले महिला अध्यापकों, फिर छात्रों द्वारा कराए मुंडन संस्कार के बाद आज कांग्रेस के भी कई कार्यकर्ताओं के अपना मुंडन कराने के बाद इस मुद्दे पर राजनीति गर्मा गई है। कांग्रेस की प्रदेश इकाई के महासचिव पी सी शर्मा ने बताया कि शिक्षकों और राजधानी में अनशनरत दिव्यांगों के समर्थन में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भी आज अपना मुंडन संस्कार कराया है।
राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन
इसके पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में राज्यपाल से अनुरोध किया गया कि वे शिक्षकों और दिव्यांगों की मांगें मानने के संबंध में सरकार को आदेश दें। शर्मा ने आरोप लगाया कि सरकार पूरी तरह संविधान के खिलाफ काम कर रही है, शिक्षकों की छोटी-छोटी मांगों को भी पूरी नहीं किया जा रहा। महिलाओं का मुंडन कराना हिंदू संस्कृति के खिलाफ है, सरकार इसके बाद भी उनकी मांगों के प्रति उदासीन है। प्रदेश के इतिहास में पहली बार शनिवार को महिला अध्यापकों ने शिक्षा विभाग में अपने संविलियन की मांग को लेकर अपना मुंडन करा लिया था।
पिछले दो दिन से जारी राजनीति के बीच राज्य में सत्तारुढ़ दल भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि सरकार पूरी संवेदनाओं के साथ अपनी सीमाओं में रहते हुए सभी की मांगों पर विचार कर रही है। अभी तक भी शिक्षकों को उनके वेतन और सम्मान की दृष्टि से पूरा लाभ दिया गया और आगे भी विचार होगा, लेकिन शर्तों पर किसी सरकार से मांग नहीं मनवाई जा सकती।