Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Mar, 2018 01:25 PM
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को राजधानी में ठोस कचरा प्रबंधन की समस्या से निबटने के लिए विशिष्ट और ठोस’ प्रस्ताव पेश करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति मदन बी.लोकूर, न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने दिल्ली...
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को राजधानी में ठोस कचरा प्रबंधन की समस्या से निबटने के लिए विशिष्ट और ठोस’ प्रस्ताव पेश करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति मदन बी.लोकूर, न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता वाली एक समिति की 12 जनवरी की बैठक की कार्यवाही के विवरण का अवलोकन किया और टिप्पणी की, ‘‘दिल्ली सरकार सिर्फ यही कह रही है कि हम यह करेंगे वह करेंगे परंतु आप यह सब कब करेंगे।’’ कोर्ट ने कहा कि पूरी दिल्ली कूड़े के ‘परमाणु बम’ पर बैठी है, क्या आप बम के फटने का इंतजार कर रहे हैं। यह राजधानी वासियों के साथ घोर अन्याय है।
दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहीं अतिरिक्त सालिसीटर जनरल पिंकी आनंद से पीठ ने कहा कि यह सब तो चर्चा है। पिंकी आनंद ने पीठ से कहा कि अनेक प्रस्ताव विचाराधीन हैं और उन्होंने विस्तृत ब्यौरा दाखिल करने के लिये न्यायालय से कुछ समय देने का अनुरोध किया। पीठ ने कहा, ‘‘आप ऐसा करते रह सकते हैं। 2018 की बैठक की कार्यवाही में 2016 में हुई बैठक में चर्चा किए गए मुद्दों का विवरण है। आप हमें बतायें कि कब स्पष्ट प्रस्ताव दे रहे हैं।’’ पिंकी आनंद ने चार सप्ताह का वक्त देने का अनुरोध किया और कहा कि उन्हें नगर पालिकाओं से भी विवरण प्राप्त करना है। शीर्ष अदालत ठोस कचरा प्रबंधन नियम 2016 लागू कराने से संबंधित एक मामले की सुनवाई कर रही थी।