Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Jan, 2018 12:59 PM
हर मां-बाप की इच्छा होती है कि उनकी औलाद सुख-दुख में हमेशा उनके साथ खड़ी रहे। लेकिन आज के वक्त में बहुत कम लोग ऐसे हैं जिनके बच्चे बुढ़ापे में उनका साथ दे पाते हैं। ऐसा ही जयपुर की गीता अग्रवाल के साथ हुआ जिनकी बेटी ने समाज के सामने एक मिसाल पेश की...
नेशनल डेस्क: हर मां-बाप की इच्छा होती है कि उनकी औलाद सुख-दुख में हमेशा उनके साथ खड़ी रहे। लेकिन आज के वक्त में बहुत कम लोग ऐसे हैं जिनके बच्चे बुढ़ापे में उनका साथ दे पाते हैं। ऐसा ही जयपुर की गीता अग्रवाल के साथ हुआ जिनकी बेटी ने समाज के सामने एक मिसाल पेश की है। गीता के बेटी ने परिवार और समाज की परवाह किए बगैर उनकी दोबारा शादी कराई।
दरअसल जयपुर के एक स्कूल में पढ़ाने वाली गीता के पति मुकेश गुप्ता की 2016 में हार्ट अटैक से मौत हो गई। वह अपने पति की मौत का गम सहन नहीं कर सकी और सदमे में चली गई। इसी दौरान उनकी बेटी संहिता भी काम के सिलसिले में गुड़गांव आ गई, जिसके बाद वह बिल्कुल अकेली हो गई। संहिता ने बताया कि मां को अकेला छोड़ने के बाद वह खुद को कोसती रहती थी हालांकि हफ्ते के अंत में वह जयपुर जाती थी।
दो रात के लिए बेटी को पास देखकर मां खुश हो जाती थी, लेकिन बेटी के मन में मां को अकेले छोड़ने का गम हमेशा सताता रहता था। ऐसे में उसने अपनी मां के लिए पार्टनर ढूंढ़ने का फैसला किया। संहिता ने मैट्रीमोनियल साइट पर अपनी मां का प्रोफाइल क्रिएट किया और अपना मोबाइल नंबर डाल दिया। संहिता ने बताया कि परिवार के एक भी सदस्य ने इसका समर्थन नहीं किया था, लेकिन वह इसको लेकर पूरी तरह आश्वस्त थीं।
संहिता को अक्टूबर, 2017 में 55 वर्षीय कृष्ण गोपाल गुप्ता का फोन आया था। वह बांसवारा में रिवेन्यू इंस्पेक्टर हैं उनकी पत्नी का कैंसर के कारण वर्ष 2010 में निधन हो गया था, उनके दो बेटे हैं। दोस्तों ने उन्हे दूसरी शादी करने की सलाह दी और मैट्रीमाेनियल साइट पर अकाउंट भी बना दिया। संहिता से जब केजी गुप्ता ने संपर्क किया तो पूरी छानबीन करने के बाद उसने पाया कि यही उनकी मां के लिए सही मैच हो सकता है। आखिरकार 31 दिसंबर को दोनों की शादी हो गई। संहिता ने इस शादी पर कहा कि वह अपनी मां के चेहरे पर मुस्कान देखकर बहुत खुश हैै। वह फिर से खूबसूरत दिखने लगीं हैं।