Edited By ,Updated: 10 Feb, 2016 08:13 PM
आतंकी डेविड हेडली की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए गवाही को पाकिस्तानी मीडिया ने न के बराबर जगह दी है और साथ ही हेडली को ‘अमेरिकन’ कैदी बताया है।
नई दिल्ली: आतंकी डेविड हेडली की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए गवाही को पाकिस्तानी मीडिया ने न के बराबर जगह दी है और साथ ही हेडली को ‘अमेरिकन’ कैदी बताया है। जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तानी मीडिया आतंकी हेडली को अपना नागरिक नहीं मानता। शायद यही वजह है कि पाकिस्तान के जाने-माने अखबारों ने हेडली के बयानों को सीधे ना छापकर उनमें वकील उज्जवल निकम को कोट किया है।
दरअसल, जब डेविड हेडली ने गवाही के पहले दिन यह कबूल किया कि 26/11 हमले से पहले वह 8 बार भारत आ चुका था। तो पाकिस्तानी अखबार डॉन ने इसे 16वें पन्ने पर जगह दी। हालांकि दूसरे दिन हेडली ने जब यह बताया कि कैसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के अधिकारियों ने लश्कर, जैश और हिजबुल जैसे आतंकी संगठनों को नैतिक, आर्थिक और सैन्य मदद दी, तब ये खबरें अखबार से गायब रहीं।
पाकिस्तानी अखबारों के पहले पेज पर 26/11 जैसे बड़े आतंकी हमले, जिसमें 166 लोगों ने जान गंवाई थी, का कहीं कोई जिक्र नहीं था।