Edited By ,Updated: 25 Apr, 2017 07:48 PM
ऐसा पहली बार हुआ कि बेटे की मौत पर किसी बाप ने राहत की सांस ली हो।
श्रीनगर: ऐसा पहली बार हुआ कि बेटे की मौत पर किसी बाप ने राहत की सांस ली हो। लेकिन यह हुआ है। कश्मीर में 24 वर्षीय आतंकी यूनूस गनई की मौत उसके बाप के लिए कुछ हद तक राहत लेकर आई है। इस बात का खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि स्वयं आतंकवादी गनई के बाप मकबूल गनई ने किया।
हिज्बुल मुझाहीदीन के आतंकवादी यूनूस और उसके साथी बडगाम में उनके घर के कुछ दूरी पर सुरक्षाबलों के हाथों मारे गए। खबर जब बाप तक पहुंची तो मुंह से निकला कि अब उनके परिवार को कुछ शांति मिलेगी। असल में गनई का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों से जो प्रताडऩा, यात्ना और बेइजजती उन्हें झेलनी पड़ रही थी, वो असहनीय हो गया था। उन्होंने बताया कि, मेरा बेटा आतंकी खेमे में शामिल हो गया था और जब एक बार मैं पुलिस के पास बेटे के बारे में जानने के लिए पहुंचे तो उन्होंने पूरे 13 दिन के लिए मुझे जेल में बंद कर दिया।
गनई ने फोन पर एक स्थानीय समाचार ऐजेंसी को बताया, जब मुझे उसकी मौत की खबर मिली तो मैने बीवी से कहा कि अब हमारे सारे दुखों का अंत हो गया। पिता का कहना है कि उनके बेटे को इतना परेशान किया गया था कि वो आतंकी बन गया। उन्होंने आरोप लगाया कि 2013 में उसे एक प्रदर्शन में देखा गया था। उसके बाद पुलिस ने उसे बहुत प्रताडि़त किया। उसके खिलाफ गलत मामले बनाए गए और वह इतना विवश हो गया कि दहशतगर्द बन गया।