Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Nov, 2017 02:32 PM
बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने 28 नवंबर से शुरू होने वाले Global Entrepreneurship Summit (GES) से खुद को अलग कर लिया है। इस समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका भी शामिल होने वाली हैं। दीपिका 29...
नई दिल्ली: बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने 28 नवंबर से शुरू होने वाले Global Entrepreneurship Summit (GES) से खुद को अलग कर लिया है। इस समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका भी शामिल होने वाली हैं। दीपिका 29 नवंबर को Hollywood to Nollywood to Bollywood: The Path to Moviemakin में स्पीच देने वाली थी। तेलंगाना सरकार के एक उच्च अधिकारी ने बताया कि दीपिका ने इस इवेंट में आने से मना कर दिया है। हालांकि दीपिका इस इवेंट का हिस्सा थी लेकिन अचानक उन्होंने इसमें भाग लेने से इंकार कर दिया। हालांकि दीपिका इस सम्मेलन में क्यों नहीं आ रही है इसके पीछे के कारणों का पता नहीं चल पाया है। वहीं कयास लगाए जा रहे हैं कि दीपिका फिल्म पद्मावती पर चल रहे विरोध के कारण नाराज हैं और इसी के चलते यह कदम उठाया। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि इस समिट के लिए मेहमानों की लिस्ट फाइनल नहीं हुई है और इसमें कई बदलाव किए जाने अभी बाकी हैं।
दीपिका के समर्थन में आए कमल हासन
मशहूर अभिनेता कमल हासन ने दीपिका पदुकोण का समर्थन करते हुए कहा है कि वह चाहते हैं कि अभिनेत्री का सिर सुरक्षित रहे। हासन ने ट्वीट किया, ‘‘मैं चाहता हूं कि दीपिका का सिर...सुरक्षित रहे। इसका उसके शरीर से अधिक सम्मान करें। यहां तक कि उसकी स्वतंत्रता का। इससे इनकार न करें।’’
फिल्म रिलीज होने में लगेंगे 68 दिन
सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने इस विवाद पर कहा कि यह सेंसर बोर्ड का पैदा किया हुआ विवाद नहीं है और बोर्ड को मामले को सुलझाने का समय और माहौल दिया जाना चाहिए। जोशी ने कहा,‘‘ज्यादातर फिल्मों के प्रमाणन की प्रक्रिया में 68 दिन का समय लग सकता है। ज्यादातर फिल्मों का प्रमाणन 68 दिन से पहले हो जाता है। अगर कुछ लोग यह वक्त नहीं लेना चाहते तो हम क्या कर सकते हैं। मैं संजय लीला भंसाली का बहुत सम्मान करता हूं। मैं फिल्म बिरादरी से हूं, उन्हें समझता हूं। यह मुद्दा भंसाली से जुड़ा नहीं है, यह फिल्म के ऊपर विवाद से संबंधित है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘विवादों का वक्त कम है, विचार-विमर्श का है और उसके लिए संयम की जरूरत है, जो बेचैनी है, जो अधीरता है, उसे खत्म करने की जरूरत है, जब तक वह नहीं होगा तब तक आप सेंसर बोर्ड से अन्याय कर रहे हैं क्योंकि विवाद हमारा शुरू किया हुआ नहीं है। लेकिन आप हमसे समाधान की उम्मीद कर रहे हैं तो इसके लिए आप हमें समय दीजिए, वह मनोस्थिति दीजिए कि हम ऐसा कर सकें।’’