Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Feb, 2018 07:17 PM
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को अरविंद केजरीवाल को निर्देश दिया कि वह मानहानि के मुकदमे में अरुण जेटली से जिरह 12 फरवरी को समाप्त करें। यह मुकदमा केंद्रीय वित्त मंत्री ने अरविंद केजरीवाल और आप के पांच अन्य नेताओं के खिलाफ दायर किया है।
नेशनल डेस्क: दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को अरविंद केजरीवाल को निर्देश दिया कि वह मानहानि के मुकदमे में अरुण जेटली से जिरह 12 फरवरी को समाप्त करें। यह मुकदमा केंद्रीय वित्त मंत्री ने अरविंद केजरीवाल और आप के पांच अन्य नेताओं के खिलाफ दायर किया है।
संयुक्त रजिस्ट्रार राकेश पंडित ने कहा कि उन्होंने वाद के रिकॉर्ड का अध्ययन किया और पाया कि केंद्रीय मंत्री को आठ अलग-अलग तारीखों पर बुलाया गया और मुख्यमंत्री ने जिरह के दौरान उनके सामने 250 से अधिक सवाल रखे। पंडित ने कहा, ‘‘मुझे महसूस होता है कि प्रतिवादी को याचिकाकर्ता जेटली से जिरह के लिए पर्याप्त अवसर दिया गया है।’’ प्रतिवादी को यह निर्देश देना जरूरी है कि वह अपना साक्ष्य दर्ज करने का काम 12 फरवरी तक पूरा करें। केजरीवाल को भविष्य में जिरह के लिए और तारीख नहीं दी जाएगी।’’
केजरीवाल के वकील अनुपम श्रीवास्तव ने अदालत के बाहर संवाददाताओं से कहा कि वह इस आदेश के खिलाफ अपील दायर करेंगे। यह आदेश जेटली से जिरह के दौरान आया। उन्होंने दिल्ली एवं जिला क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) में उनके खिलाफ लगे वित्तीय अनियमितता के आरोपों के मद्देनजर 10 करोड़ रुपए की मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
क्या है मामला?
जेटली वर्ष 1999 से 2013 के बीच डीडीसीए के अध्यक्ष थे। जेटली ने केजरीवाल और आप नेताओं राघव चड्ढा, कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह और दीपक बाजपेयी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। इन लोगों ने जेटली पर वित्तीय अनियमितता के आरोप लगाए थे। जेटली ने अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन किया है।