दिल्ली बजट: योजना आकर्षक, क्या काम भी होगा...

Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Mar, 2018 11:26 AM

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दिल्ली के बजट में आबो-हवा को सेहतमंद बनाने से लेकर अनियमित कॉलोनियों में रहने वालों के जीवन में सुधार, सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने से लेकर बाजार व गोदामों में विकास कार्य के लिए इस बार बजट में कई आकर्षक योजनाओं की घोषणा की है। बजट में इन...

नई दिल्ली: दिल्ली के बजट में आबो-हवा को सेहतमंद बनाने से लेकर अनियमित कॉलोनियों में रहने वालों के जीवन में सुधार, सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने से लेकर बाजार व गोदामों में विकास कार्य के लिए इस बार बजट में कई आकर्षक योजनाओं की घोषणा की है। बजट में इन योजनाओं के लिए विगत वर्ष की अपेक्षा धन राशि में भी पचास फीसदी से लेकर लगभग दोगुना इजाफा किया गया है। लेकिन, सड़क, अनियमित कॉलोनियों में ढांचागत विकास व आधारभूत ढांचा तैयार करने एवं परिवहन व्यवस्था को बेहतर बनाने से जुड़ी अधिकतर योजनाएं वह हैं, जो दिल्ली सरकार के गठन के बाद से ही लगातार चल रही हैं, जिनके पूरे होने की अवधि को हर बार आगे बढ़ाया जाता रहा है। 

दिल्ली से जुड़े लोगों व विशेषज्ञों से लेकर राजनीति से जुड़े जानकारों का मानना है कि सरकार का यह बजट जितना आकर्षक दिख रहा है, क्या वाकई वह उतना बेहतर साबित होगा। कहीं पिछले बजट की तरह ही इस बार भी यह लोगों के लिए मुंगेरी लाल के हसीन सपने ही न बनकर रह जाए। दरअसल सरकार ने प्रदूषण से निपटने के लिए सड़कों पर बिजली से चलने वाले वाहनों की संख्या बढ़ाने और ई-रिक्शा के लिए सबसिडी तक को शामिल करते हुए यह तो स्पष्ट कर दिया है कि वह प्रदूषण को रोकथाम के प्रति सचेत है। यही कारण भी है कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को लेकर हुई समीक्षा बैठक में दिल्ली सरकार के काम की प्रशंसा भी की गई है। संभवत: इसी वजह से इस बजट को ग्रीन बजट का नाम भी दिया गया है। 

अनियमित कॉलोनियों में ढांचागत विकास पर वर्ष 18-19 में 1500 करोड़ रुपए खर्च किये जाएंगे। यह विगत वर्ष के 840 करोड़ रुपए की तुलना में 71 प्रतिशत अधिक है। लेकिन, ढांचागत विकास के लिए क्या यह राशि पर्याप्त होगी। इसी प्रकार परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने के लिए बसों की खरीद से लेकर, सड़क व अन्य आधारभूत ढांचे पर कुल 5145 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।  बजट में सड़क व आधारभूत ढांचे पर किये जाने वाले जिस खर्च के बारे में बताया गया है, उनमें से अधिकतर परियोजनाएं पहले से ही चल रही हैं। हालांकि बाजार व विपणन स्थानों के विकास के लिए 100 करोड़ रुपए बजट में रखकर व्यापारियों में दिल्ली सरकार के प्रति कायम हो रहे रोष को कम करने का प्रयास भी कहा जा सकता है।

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