Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Jan, 2018 12:57 PM
देश की राजधानी दिल्ली में गुरुवार से भारत-आसियान सम्मेलन शुरू हो रहा है। इससे पहले 10 आसियान राष्ट्रों के प्रमुख दिल्ली पहुंचने लगे हैं। इस बीच विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि रामायण और बौद्ध धर्म ऐसे दो पहलू हैं जो भारत और आसियान को जोड़ते हैं।...
नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में गुरुवार से भारत-आसियान सम्मेलन शुरू हो रहा है। इससे पहले 10 आसियान राष्ट्रों के प्रमुख दिल्ली पहुंचने लगे हैं। इस बीच विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि रामायण और बौद्ध धर्म ऐसे दो पहलू हैं जो भारत और आसियान को जोड़ते हैं। यही वजह है कि उन्हें भारत आसियान स्मारक सम्मेलन में विशेष महत्व दिया गया है।
भारत-आसियान यूथ अवॉडर्स को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और आसियान के बीच सदियों पुराने रिश्ते हैं। यह संबंध इतिहास, संस्कृति, वाणिज्य और शिक्षा जैसे विविध क्षेत्र में फैले हुए हैं। उन्होंने कहा कि दक्षिण पूर्वी एशियाई क्षेत्र के विद्वान भारत को एक अहम अध्ययन केंद्र के तौर पर चुनते हैं, प्राचीन वक्त में वे नालंदा विश्वविद्यालय को चुनते थे।
बता दें कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की परेड में सभी दस आसियान देशों के प्रमुख विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगे। आसियान के सदस्य देशों में लाओस, कंबोडिया, ब्रुनेई, इंडोनेशिया, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं।