Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Sep, 2017 12:09 PM
‘राजधानी में शुक्रवार को जिस तरह की बारशि हुई, अगर इसी तरह की बरसात आने वाले दिनों में होती रही तो इस बार रावण जलकर नहीं बल्कि डूबकर मरेगा।’ इस तरह की बातें सोशल मीडिया पर जमकर हो रही हैं।
नई दिल्ली(ब्यूरो): ‘राजधानी में शुक्रवार को जिस तरह की बारशि हुई, अगर इसी तरह की बरसात आने वाले दिनों में होती रही तो इस बार रावण जलकर नहीं बल्कि डूबकर मरेगा।’ इस तरह की बातें सोशल मीडिया पर जमकर हो रही हैं। इन बातों के पीछे दिल्ली की जलनिकासी की बदहाल व्यवस्था को ही जिम्मेदार ठहराया गया है। चूंकि सड़कों पर जलभराव होना और उसके कारण घंटों का जाम लगना राजधानी की आदत में शामिल हो गया है। घंटों की बरसात के कारण लीला स्थल और दर्शकों के बैठने वाले स्थान पर कीचड़ हो गया था, इस कारण ज्यादातर लीलाओं को जरूरी पूजा-पाठ के बाद शनिवार तक के लिए विराम दे दिया गया। रिमझिम के दौरान ही रामजन्म की लीला का मंचन किया गया।
स्वागत कक्ष में किया गया मंचन
इंद्रप्रस्थ रामलीला कमेटी के अध्यक्ष सुरेश बिंदल ने बताया कि बरसात के कारण लीला स्वागत कक्ष में मंचन किया गया। बारिश के बीच ही भगवान राम प्रकट हुए। भगवान की आरती और भोग भी लगाया गया। बरसात के कारण उत्पन्न हुई स्थिति के कारण लीला का मंचन अथितियों के लिए बनाए गए वाटर प्रूफ पंांडाल में किऐ जाने का निर्णय किया गया। लीला आंशिंक की गई।
सनातन धर्म में गूंजा जयश्री राम
करोल बाग के श्रीराम वाटिका में सनातनधर्म लीला समिति द्वारा रामलीला महोत्सव में भगवान श्रीराम जन्म समारोह का भव्य आयोजन किया गया। जिसे देख दर्शक आनंदित हो उठे। सनातन धर्म करोलबाग समिति के महामंत्री अशोक कपूर ने बताया कि झमाझम बारिश के बीच भगवान राम का जन्म हुआ। जन्म के बाद जय श्री राम के गगनभेदी नारे लगाए गए।
नशा के खिलाफ दिया संदेश
रघुनाथ संस्कार रामलीला कमेटी शास्त्री नगर की ओर से सुभद्रा कॉलोनी की गोपाल वाटिका में आयोजित रामलीला युवाओं को नशा के खिलाफ आगे आकर अभियान चलाने का संदेश दिया।