...तो इस वजह से दिल्ली में फैली है जहरीली हवा!

Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Nov, 2017 03:05 PM

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दिल्ली और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने पर जारी बहस के बीच, केंद्र की एक मौसम निगरानी एजेंसी ने पश्चिम एशियाई धूल भरी आंधी को क्षेत्र में हालिया धुंध का मुख्य कारक बताया है।  पुणे स्थित वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अध्ययन प्रणाली (सफर) का...

नई दिल्ली: दिल्ली और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने पर जारी बहस के बीच, केंद्र की एक मौसम निगरानी एजेंसी ने पश्चिम एशियाई धूल भरी आंधी को क्षेत्र में हालिया धुंध का मुख्य कारक बताया है।  पुणे स्थित वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अध्ययन प्रणाली (सफर) का कहना है कि आठ नवंबर को धूल भरी आंधी का योगदान 40 प्रतिशत रहा। इसने पराली से हुए उत्सर्जन को पीछे छोड़ दिया जिसका योगदान 25 प्रतिशत था।  पीएम 2.5 का स्तर 640 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंचने के साथ उस दिन सबसे ज्यादा प्रदूषण रहा। 

हफ्ते भर लंबे प्रदूषण संकट पर सफर के वैज्ञानिक आकलन रिपोर्ट यह कहा गया है।  रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘बाकी, वाहन ईंधन जलने जैसे स्थानीय स्रोतों से उत्सर्जन हुआ। अगर बाहरी स्रोतों की कोई भूमिका नहीं होती तो इस अवधि में पीएम 2.5 का स्तर 200 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहता।’’  एजेंसी ने कहा कि इसके बाद ट्रकों के प्रवेश और निर्माण गतिविधियों पर रोक जैसे आपात उपायों से सकारात्मक परिणाम आए और प्रतिशत के हिसाब से करीब 15 प्रतिशत का सुधार हुआ।  

भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) की इकाई सफर ने कहा है कि अक्तूबर के अंतिम सप्ताह और चार नवंबर के बीच इराक, कुवैत और सऊदी अरब से बहकर आयी धूल भरी आंधी से सूक्ष्म कण दिल्ली और बड़े क्षेत्र के ऊपरी वातावरण में पहुंच गये।  इसके साथ ही छह नवंबर को पंजाब, उत्तरप्रदेश और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं शीर्ष पर रहने और ऊपरी हवा के उत्तर पश्चिम (दिल्ली की ओर) की ओर रूख करने के कारण प्रदूषक मिलने से स्थिति और बिगड़ गयी।  


 

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