Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Jan, 2018 04:36 PM
दिल्ली हाईकोर्ट ने ‘लाभ का पद’ मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के 20 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने की केन्द्र सरकार की अधिसूचना पर आज रोक लगाने से इंकार कर दिया लेकिन चुनाव आयोग से कहा है कि 29 जनवरी तक संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में उपचुनाव कराने...
नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने ‘लाभ का पद’ मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के 20 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने की केन्द्र सरकार की अधिसूचना पर आज रोक लगाने से इंकार कर दिया लेकिन चुनाव आयोग से कहा है कि 29 जनवरी तक संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में उपचुनाव कराने जैसा कोई कदम वह न उठाए। चुनाव आयोग की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने रविवार को आम आदमी पार्टी (आप) के 20 विधायकों को लाभ का पद मामले में अयोग्य ठहराया था और इसके बाद केन्द्र सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की थी। अयोग्य ठहराए गए विधायकों ने इस फैसले के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी।
न्यायाधीश विभु भखरु ने याचिका पर सुनवाई करते हुए विधायकों को अयोग्य ठहराये जाने की अधिसूचना पर रोक लगाने से इंकार करते हुए चुनाव आयोग से कहा कि 29 जनवरी को अगली सुनवाई तक उपचुनाव जैसी कोई घोषणा न की जाए। न्यायालय ने इस मामले में चुनाव आयोग,केन्द्र और आप विधायकों से जवाब देने को कहा है। न्यायालय ने इस मामले में सभी रिकार्ड भी मांगे हैं जिसमें विधायकों को अयोग्य ठहराये जाने की चुनाव आयोग की राष्ट्रपति को सिफारिश करने की प्रक्रिया भी शामिल है। आयोग ने 20 जनवरी को आप के 20 विधायकों को लाभ पद मामले में अयोग्य ठहराए जाने की सिफारिश की थी।
राष्ट्रपति ने रविवार को इसकी मंजूरी दी थी। दिल्ली में सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पार्टी के 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया था। सरकार के इस फैसले के खिलाफ प्रशांत पटेल नामक वकील आवाज उठाई। फैसले के खिलाफ आवाज उठने पर सरकार ने विधानसभा में प्रस्ताव पारित करवाकर विधायकों को पिछली तिथि से संसदीय सचिव बनाने की अनुशंसा की थी। इस प्रस्ताव को उपराज्यपाल ने मंजूरी नहीं दी। इस प्रस्ताव को राष्ट्रपति के पास भेजा गया था जिसे राष्ट्रपति ने चुनाव आयोग को भेज दिया। इक्कीस विधायकों में जरनैल सिंह ने पंजाब विधानसभा के चुनाव में प्रत्याशी बनने के लिए पिछले साल इस्तीफा दे दिया था।