Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Aug, 2017 12:32 PM
अपनी नौकरी छोडि़ए और घर बैठ जाइए। इस तरीके से आप अपने बच्चों से पेश आते हैं? दिल्ली उच्च न्यायालय की नाराज पीठ ने शहर के सरकार और नगर निगमों.......
नई दिल्ली: अपनी नौकरी छोडि़ए और घर बैठ जाइए। इस तरीके से आप अपने बच्चों से पेश आते हैं? दिल्ली उच्च न्यायालय की नाराज पीठ ने शहर के सरकार और नगर निगमों के अधिकारियों से शहर के स्कूलों से रोजाना कूड़ा उठाने में नाकाम रहने पर यह कहा। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने नगर निगमों के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा, ‘‘इस तरीके से आप अपने बच्चों से पेश आते हैं?’’
अदालत ने यह भी कहा कि नगर निगमों को अब दिल्ली के स्कूलों को साफ कराने के लिए जनहित याचिकाओं की जरुरत है। पीठ ने 17 मई को तीनों नगर निगमों, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद और दिल्ली कैंटोनबोर्ड को निर्देश दिए थे कि वह यह सुनिश्चित करें कि उनके अधिकार क्षेत्र के तहत आने वाले सभी स्कूलों से कचरा एकत्रित किया जाए और उसका निपटान किया जाए।
अदालत ने आदेश दिया था कि दैनिक आधार पर कूड़ा उठाया जाए। अधिकारी स्कूलों को यह बताएंगे कि किस समय कूड़ा उठाया जाएगा। अदालत ने एनजीओ जस्टिस फोर ऑल की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान ये निर्देश जारी किए थे। एनजीओ की ओर से वकील खगेश झा ने कहा था कि सरकारी स्कूलों में बदबू आती है क्योंकि छात्रों द्वारा फेंका जाने वाला कचरा नियमित तौर पर उठाया नहीं जाता।