Edited By ,Updated: 17 Feb, 2017 06:02 PM
दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज यहां 298 गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों को नर्सरी नामांकन प्रक्रिया के साथ आगे बढऩे की अनुमति दे दी लेकिन कहा कि यह मामले पर राज्य सरकार की अपील के अंतिम नतीजे का विषय होगा।
नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज यहां 298 गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों को नर्सरी नामांकन प्रक्रिया के साथ आगे बढऩे की अनुमति दे दी लेकिन कहा कि यह मामले पर राज्य सरकार की अपील के अंतिम नतीजे का विषय होगा। दूरी के आधार पर (नाइबरहुड नियम) नर्सरी दाखिला निर्देश पर रोक लगाने वाले एकल न्यायाधीश के अंतरिम आदेश के खिलाफ दिल्ली सरकार की अपील पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायमूर्ति जी रोहिणी और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ ने कहा कि बच्चों के दाखिले की पूरी प्रक्रिया मामले के अंतिम नतीजे का विषय होगी। पीठ ने कहा, ‘‘इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि दाखिला प्रक्रिया चल रही है, इसे रोकना ठीक नहीं होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, हम यह स्पष्ट कर देते हैं कि पक्षों द्वारा जो भी कदम उठाया जाता है यह लंबित अपील के अंतिम परिणाम का विषय होगा।’’ पीठ ने कहा, ‘‘हम मामले पर गौर करेंगे। बहरहाल, याचिका की एक प्रति प्रतिवादियों (दो स्कूल एसोसिएशन और अभिभावकों) को भेजी जाएगी।’’ मामले पर अब 22 फरवरी को विचार किया जाएगा। मामले में दिल्ली सरकार की अपील पर दो स्कूली एसोसिएशनों और अभिभावकों का जवाब भी मांगा गया है।
शिक्षा निदेशालय (डीआेई) की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) संजय जैन ने आवेदन दिया कि दूरी के नियम के अभाव में स्कूल मनमाने और अपारदर्शी तरीके से दाखिला करेंगे और अभिभावकों से ज्यादा शुल्क वसूलने को भी उचित ठहराएंगे। एकल न्यायाधीश के आदेश को ‘‘पूरी तरह गलत’’, ‘‘त्रुटिपूर्ण’’ और ‘‘कानून के खिलाफ’’ बताते हुए दिल्ली सरकार ने अंतरिम आदेश की तामील पर रोक लगाने की मांग की है।