Edited By ,Updated: 04 Nov, 2016 03:48 PM
दिल्ली में प्रदूषण के खतरनाक स्थिति में पहुंचने पर सख्त हुए राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण(एनजीटी) ने आज केंद्र और दिल्ली सरकार को लताड़ा।
नई दिल्लीः दिल्ली में प्रदूषण के खतरनाक स्थिति में पहुंचने पर सख्त हुए राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण(एनजीटी) ने आज केंद्र और दिल्ली सरकार को लताड़ा। न्यायाधिकरण ने कहा कि दिल्ली की निरंतर प्रदूषित आबोहवा के लिए दोनों सरकार बातों के अलावा कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। दिल्ली में विकराल होते प्रदूषण पर सुनवाई करते हुए न्यायाधिकरण ने कहा कि केवल बैठकें हो रही है।
बैठकें करने से क्या होगा?
न्यायाधिकरण ने कल प्रदूषण पर सुनवाई करते हुए दिल्ली के मुख्य सचिव से रिपोर्ट तलब की थी। दिल्ली सरकार की तरफ से एनजीटी को आज बताया गया कि दो बैठकें की गई हैं। इस पर न्यायाधिकरण ने कहा कि बैठकें करने से क्या होने वाला है। कोई ऐसा कदम उठाया है जिससे प्रदूषण कम होगा। दक्षिणी दिल्ली में कई क्षेत्रों में भवन निर्माण के काम में नियमों की पूरी तरह अनदेखी हो रही है। कोई बोलने वाला नहीं है। निर्माण कार्यो से उडऩे वाली धूल प्रदूषण का बड़ा कारण है।
प्रदूषण पर कैसे लगे लगाम?
एनजीटी ने दिल्ली सरकार को 10 वर्ष पुराने डीजल वाहनों को सड़कों से हटाने के अपनी निर्देश पर अमल करने के लिए कहा है। दिल्ली सरकार ने एनजीटी को दी अपनी रिपोर्ट में कहा कि हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में फसलों के कचरे को जलाए जाने से दिल्ली में वायु की गुणवत्ता बुरी तरह प्रभावित हुई है। एनजीटी ने कहा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और दिल्ली नियंत्रण प्रदूषण समिति को हर स्थिति में यह तय करना होगा कि प्रदूषण पर कैसे लगाम लगे।
8 नवंबर तक मांगी रिपोर्ट
एनजीटी ने इस मामलों पर राज्यों से 08 नवंबर तक रिपोर्ट मांगी है। बता दें कि दीपावली के बाद से राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण खतरनाक स्तर से कहीं अधिक हो गया है। लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। धुएं की वजह से ²श्यता पर सुबह के समय बुरा असर पड़ा है। प्रदूषण की वजह से कई स्कूलों को बंद भी करना पड़ा है। राजधानी में बुधवार और शुक्रवार को प्रदूषण का स्तर पिछले 17 साल में सबसे खतरनाक पर रहा।