वेतन की मांग कर रहे टीचरों पर बरपा पुलिस का कहर, दर्जनों पहुंचे अस्पताल

Edited By ,Updated: 11 Dec, 2016 07:53 AM

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पीछले 4 महीने से टीचरों को सैलरी न मिलने को लेकर ई.जी.एस./ए.आई.ई/एस.टी.आर. टीचर यूनियन पंजाब के सदस्यों  द्वारा वी.पी.एस. चौक पर धरना दिया गया, धरने के दौरान भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया था।

मोहाली (राणाा) : पीछले 4 महीने से टीचरों को सैलरी न मिलने को लेकर ई.जी.एस./ए.आई.ई/एस.टी.आर. टीचर यूनियन पंजाब के सदस्यों  द्वारा वी.पी.एस. चौक पर धरना दिया गया, धरने के दौरान भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया था। पहले टीचरों को बैरिगेट पर रोका गया लेकिन वह नहीं रुके जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। लेकिन टीचर फिर भी नारेबाजी करते रहे टीचरों ने मांग रखी कि वह पंजाब के सी.एम. से मिलेंगे और उसके बाद धरना बंद करेंगे। पुलिस ने चालाकी करते हुए टीचरों को हिरासत में लेकर उन्हे काफी देर तक यही बोल कर घुमाते रहे कि वह सी.एम. से उनकी मुलाकात करवाएंगे। 

 

जब टीचरों की इस बात की भनक लगी कि पुलिस उन्हें सी.एम. से उनकी मुलाकात नहीं करवाएंगे तो उन्होंने फेज-8 डी.जी.एस.ई. दफ्तर के सामने धरना प्रर्दशन किया गया और टीचर्स ने सी.एम. पंजाब की चंडीगढ़ स्थित कोठी का घेराव करने का प्लान बनाया जिसके चलते उन्होने चंडीगढ़ की तरफ रोष मार्च निकाला शुरू कर दिया। लेकिन जैसे ही यह टीचर्स मोहली-चंडीगढ़ की सीमा पर पहुंचे तो आगे चंडीगढ़ पुलिस ने बैरिगेडिंग की हुई थी। जैसे ही टीचर्स ने चंडीगढ़ की सीमा में घुसने का प्रयास किया तो टीचर्स की पुलिस के साथ झडप हो गई। और पुलिस ने टीचर्स पर आंसू गैस के गोले और वाटर कैनन से पानी की बौछारे करनी शुरू कर दी। 

 

कई टीचर हुए घायल 
जानकारी के अनुसार टीचर्स को चंडीगढ की सीमा में जाने से रोकने के लिए चंडीगढ़ पुलिस ने टीचर्स पर बल प्रयोग करते हुए उनपर लाठियों से बरसाई। टीचर्स के साथ खिंचतान भी की गई। इतना ही नहीं जब टीचर्स पर कंट्रोल नहीं हो पाया तो पुलिस ने पहले आसू गैस के गोले छोड़े उसके बाद वाटर कैनन से पानी की बौछारें भी मारी गईं। पानी का प्रैशर इतना तेज था कि टीचर्स पानी का प्रैशर झेल ना पाए और सडकों पर गिर गए। इस दौरान करीब एक दर्जन के आसपास टीचर्स घायल हो गए। 

 

घायल हुए टीचर्स को आसपास के अस्पतालों में भर्ती करवाया गया। जहां पर उनका इलाज करवाया जा रहा है। यूनियन के टीचर्स ने बताया कि वो शिक्षा विभाग के अंडर प्राइमी स्कूलों में पिछले 10 से 12 सालों से नौकरियां कर रहे हैं। टीचर्स ने बताया कि उन्हें इस महंगाई के जमाने में भी मात्र पांच हजार रुपए सैलरी दी जाती है जिससे कि उनका अपना गुजारा ही मुशकिल से होता है तो वो उनके परिवार का खर्चा कैसे चलेगा। 

 

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