Edited By ,Updated: 19 Apr, 2017 04:01 PM
अन्नाद्रमुक नेता टी.टी.वी. दिनाकरन ने रिश्वतखोरी के एक मामले में दिल्ली पुलिस की आेर से जारी किए गए लुकआउट नोटिस की जरूरत पर एक तरह से सवाल उठाते हुए कहा कि चूंकि उनका पासपोर्ट 20 साल से ‘‘अदालत में है’’ तो वह देश छोड़कर कैसे भाग सकते हैं।
चेन्नई: अन्नाद्रमुक नेता टी.टी.वी. दिनाकरन ने रिश्वतखोरी के एक मामले में दिल्ली पुलिस की आेर से जारी किए गए लुकआउट नोटिस की जरूरत पर एक तरह से सवाल उठाते हुए कहा कि चूंकि उनका पासपोर्ट 20 साल से ‘‘अदालत में है’’ तो वह देश छोड़कर कैसे भाग सकते हैं। दिनाकरन ने यहां पत्रकारों को बताया, ‘‘मेरा पासपोर्ट 20 साल से अदालत में है। मैं भारत से कैसे भाग सकता हूं?’’ वह संभवत: एक स्थानीय अदालत में अपने खिलाफ लंबित फेरा के मामलों का हवाला दे रहे थे, जिसके सिलसिले में उन्होंने अपना पासपोर्ट जमा कराया है। दिल्ली पुलिस ने अन्नाद्रमुक में दिनाकरन के धड़े के लिए ‘दो पत्ती’ वाला चुनाव चिह्न हासिल करने के लिए उनकी आेर से चुनाव आयोग के एक अधिकारी को कथित तौर पर रिश्वत देने की कोशिश के मामले में एक केस दर्ज किया है और इसी सिलसिले में दिनाकरन के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया है।
यह ‘‘एहतियाती’’ कार्रवाई एेसे समय में की गई है जब एेसी सूचनाएं मिली थीं कि दिनाकरन एक प्रवासी भारतीय (एनआरआई) हैं और विदेश भागने की कोशिश कर सकते हैं। नोटिस एेसे वक्त में जारी किया गया जब तमिलनाडु सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों की आेर से की गई बगावत के बाद दिनाकरन को अन्नाद्रमुक के वी के शशिकला धड़े के उप-महासचिव के पद से बेदखल कर दिया गया है। इससे पहले, दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने रिश्वतखोरी के मामले में दिल्ली में एक होटल से सुकेश चंद्रशेखर नाम के एक कथित बिचौलिये को गिरफ्तार किया था। सुकेश ने दावा किया था कि उसने दिनाकरन से कहा था कि वह पार्टी के चुनाव चिह्न के मामले में चुनाव आयोग से उनके पक्ष में फैसला सुनिश्चित करा देगा।