उच्च न्यायालय ने जेएनयू से कहा : बाहरी लोगों को परिषर में परिसर में घुसने न दें

Edited By ,Updated: 12 Apr, 2017 09:19 PM

do not allow outsiders to enter campus hc to jnu

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सलाह दी कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में चीजें सुधारने के लिए बाहरी लोगों को परिसर में घुसने से रोकना...

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने सलाह दी कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में चीजें सुधारने के लिए बाहरी लोगों को परिसर में घुसने से रोकना चाहिए। अदालत ने साथ ही कहा कि दूसरे विश्वविद्यालयों के छात्र परिसर में ‘‘ज्यादा सक्रिय’’ हैं और संस्थान के कामकाज में हस्तक्षेप कर रहे हैं। न्यायमूर्ति संजीव सचदेव ने कहा, ‘‘हमें दूसरे विश्वविद्यालयों के छात्रों को परिसर में घुसने से रोकना होगा।

अगर जेएनयू परिसर में बाहरी लोगों के प्रवेश मंजूरी ना हो तो चीजें सुधरेंगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हर दिन हम अखबारों में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बारे में पढ़ रहे हैं’’और अदालत में मौजूद विश्वविद्यालय प्रशासन तथा जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष से पूछा कि ‘‘क्या कोई शिक्षा संस्थान इस तरह से काम करता है?’’ न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मैं चाहता हूं कि छात्रों एवं कॉलेज प्रशासन के बीच सार्थक बातचीत हो ताकि मुद्दों का हल परिसर के अंदर ही हो जाए।’’

अदालत ने साथ ही कहा कि आज दूसरे विश्वविद्यालयों के छात्र जेएनयू के कामकाज में हस्तक्षेप कर रहे हैं और परिसर मेें अपना राजनीतिक एजेंडा लागू करते हैं। अदालत ने कहा, ‘‘जेएनयू को पिछले कई दशकों से परिसर के भीतर उसकी खुद की संस्कृति के लिए जाना जाता है। वह कभी भी दूसरों को अपने कामकाज में हस्तक्षेप की मंजूरी नहीं देता लेकिन आज बाहरी लोग परिसर में ज्यादा सक्रिय है।’’अदालत ने कहा कि केवल जेएनयू के छात्रों को ही इस बात का फैसला करने की मंजूरी होनी चाहिए कि उनका विश्वविद्यालय कैसे काम करेगा। 

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