Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Jan, 2018 01:01 PM
चुनाव आयोग ने त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान आज कर दिया है। त्रिपुरा में 18 फरवरी को चुनाव होंगे जबकि मेघालय और नागालैंड 27 फरवरी को मतदान होगा। इन तीनों राज्यों में चुनावों के परिणाम 3 मार्च को गोषित...
नई दिल्लीः त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव 18 फरवरी को तथा मेघालय और नागालैंड में 27 फरवरी को होंगे, जबकि तीनों राज्यों की मतगणना तीन मार्च को होगी। मुख्य चुनाव आयुक्त अचल कुमार जोति ने आज यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह घोषणा की, इसके साथ ही तीनों राज्यों में आदर्श चुनाव आचार संहिता आज से ही लागू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि त्रिपुरा में चुनाव की अधिसूचना 24 जनवरी को तथा मेघालय एवं नागालैंड में 31 जनवरी को जारी की जाएगी।
राज्यों की राजनीति चक्र पर एक नजर
त्रिपुरा
त्रिपुरा में माकपा की अगुवाई वाला वाममोर्चा की सरकार है। वाममोर्चा राज्य में 1993 से सत्ता में आई। त्रिपुरा में विधानसभा की 60 सीटें हैं। यह देश में लेफ्ट का सबसे मजबूत गढ़ है और मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने अपना चौथा कार्यकाल पूरा किया। इस बार भाजपा राज्य में अफनी सरकार बनाने की संभावना तलाश रही है। इसी के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 जनवरी को राज्य में दो चुनावी रैलियों को संबोधित करने वाले हैं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी त्रिपुरा का दौरा कर चुके हैं।
मेघालय
मेघालय में कांग्रेस की सरकार है। यहां भी विधानसभा की 60 सीटें हैं। कांग्रेस यहां संयुक्त गठबंधन सरकार के साथ पिछले आठ सालों से सत्ता में है। इस बार राज्य में कांग्रेस, भाजपा और एनपीपी के बीच मुख्य लड़ाई है। राज्य के मुख्यमंत्री मुकुल संगमा ने यहां कांग्रेस की पकड़ को काफी मजबूत किया हुआ है लेकिन भाजपा पूरी जद्दोजदह कर रही है कि इस बार वह अकेले यहां सरकार बनाए दूसरी तरफ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने भी इस बार अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की है। उसने कम से कम 42 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की बात कही।
नागालैंड
नागालैंड में नागा पीपुल्स फ्रंट की सरकार है। नागालैंड विधानसभा की 60 सीटें हैं। भाजपा राज्य में पिछले काफी समय से हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रही है क्योंकि पिछले एक साल में यहां दो बार मुख्यमंत्री बदले गए हैं। पूर्व नागालैंड के मुख्यमंत्री और लोकसभा सांसद नीईफू रियो ने एक नई राजनीतिक पार्टी का गठन किया है। माना जा रहा है कि उनकी पार्टी भाजपा के साथ हाथ मिला सकती है।