Edited By ,Updated: 09 Apr, 2017 05:58 PM
निर्वाचन आयोग ने ईवीएम को अविश्वसनीय बताए जाने के आरोपों का खंडन किया है।...
नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग ने ईवीएम को अविश्वसनीय बताए जाने के आरोपों का खंडन किया है। चुनाव आयोग ने कहा कि ईवीएम मजबूत एवं छेड़छाड़ की आशंका से रहित होते हैं और यहां तक कि निर्माण के दौरान भी इनसे हेरफेर नहीं की जा सकती। उन्होंने बताया कि अपना विचार रखने के लिए उसने ‘अक्सर पूछे जाने वाले सवालों’ (एफएक्यू) की एक सूची सार्वजनिक की है।
हाल में खत्म हुए यूपी, पंजाब, गोवा, उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के बाद बीएसपी सुप्रीमो मायावती, आप नेता अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, रणदीप सूरजेवाला समेत दूसरे नेताओं ने कहा था कि विधानसभा चुनाव के दौरान ईवीएम में छेड़छाड़ की गई है। इन नेताओं ने चुनाव में ईवीएम की जगह बैलट पेपर के इस्तेमाल की मांग की है। ये विवाद तब और बढ़ गया था जब एमपी के भिंड में ईवीएम टेस्ट के दौरान कथित रुप से सिर्फ बीजेपी को ही वोट जा रहा था। हालांकि प्रशासन ने बाद में इस रिपोर्ट से इनकार किया था।
अब ईसीआई-ईवीएम कम्प्युटर संचालित नहीं: चुनाव आयोग
हाल में आयोग ने मशीनों का बचाव करते हुए दो बयान जारी किए थे और मशीनों की विश्वसनीयता पर संदेह करने वालों के जवाब में यह एफएक्यू उसका तीसरा प्रयास है। एफएक्यू में जिन प्रश्नों का उल्लेख है, उनमें पहला सवाल है : मशीन को हैक किया जा सकता है या नहीं? इस सवाल के जवाब में आयोग ने लिखा है- नहीं। चुनाव आयोग ने बताया कि ईवीएम का एम1 मॉडल (मॉडल एक) वर्ष 2006 तक निर्मित हुआ था और इसमें ऐसे सभी जरूरी तकनीक शामिल किए गए थे जिससे कुछ लोगों के दावों के विपरीत कोई हैक नहीं कर सकता था। ईवीएम के एम2 मॉडल को वर्ष 2006 के बाद बनाया गया था और वर्ष 2012 तक इसमें अतिरिक्त सुरक्षा फीचर्स शामिल किए गए थे। चुनाव पैनल ने कहा, ‘‘अब ईसीआई-ईवीएम कम्प्युटर संचालित नहीं हैं। ये ऐसी मशीन हैं जिन्हें ना तो इंटरनेट से और ना ही अन्य नेटवर्क से जोड़ा जाता है इसलिए किसी रिमोट उपकरण से इसे हैक किये जाने की कोई संभावना नहीं है।