स्मार्ट ग्रिड के लिए पार करनी होगी रैगुलेट्री कमीशन की बाधा

Edited By ,Updated: 09 Nov, 2016 10:08 AM

electricity department

केंद्र सरकार से स्मार्ट ग्रिड के लिए अप्रूवल मिलने के बाद अब चंडीगढ़ प्रशासन ने शहर के इस मेगा प्रोजैक्ट पर काम करना शुरू कर दिया है।

चंडीगढ़(विजय) : केंद्र सरकार से स्मार्ट ग्रिड के लिए अप्रूवल मिलने के बाद अब चंडीगढ़ प्रशासन ने शहर के इस मेगा प्रोजैक्ट पर काम करना शुरू कर दिया है। अब यू.टी. के इलैक्ट्रिसिटी डिपार्टमैंट ने ज्वाइंट इलैक्ट्रिसिटी रेगुलेट्री कमीशन (जे.ई.आर.सी.) से अप्रूवल मांगी है। यह अंतिम ‘हर्डल’ है, जिसे प्रशासन को पार करना होगा। बिना कमीशन की अप्रूवल के यह प्रोजैक्ट चंडीगढ़ में लांच नहीं किया जा सकता। दरअसल यह मामला फाइनैंशियल पावर से जुड़ा हुआ है। 

 

बिजली से जुड़े किसी भी प्रोजैक्ट में अगर 10 करोड़ से अधिक का खर्चा आता है तो इसके लिए डिपार्टमैंट को जे.ई.आर.सी. से पहले मंजूरी लेनी पड़ती है। स्मार्ट ग्रिड प्रोजैक्ट के लिए 28.58 करोड़ रुपए का बजट तय हुआ है इसलिए शहर में इस प्रोजैक्ट को लाने से पहले प्रशासन को कमीशन से इस प्रोजैक्ट की अप्रूवल लेनी होगी। मंगलवार को डिपार्टमैंट के अधिकारियों ने जे.ई.आर.सी. के समक्ष हियरिंग के दौरान प्रेजैंटेशन भी दी, जिसमें इस प्रोजैक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई और बताया गया कि शहर के लिए यह प्रोजैक्ट कितना जरूरी है। अगर कमीशन जल्द ही इस प्रोजैक्ट को अप्रूवल दे देता है तो दो साल के भीतर लोगों को इसका फायदा मिलना शुरू हो जाएगा।

 

आर.ई.सी. कंपनी को मिला कांट्रैक्ट :
प्रशासन ने इस प्रोजैक्ट के लिए एजैंसी भी फाइनल कर ली है। अधिकारियों के अनुसार स्मार्ट ग्रिड को रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉर्पोरेशन (आर.ई.सी.) कंपनी को अलॉट किया गया है। इस साल जनवरी में नैशनल स्मार्ट ग्रिड मिशन की डिटेल प्रोजैक्ट रिपोर्ट को अप्रूवल मिली थी, जिसके बाद से प्रशासन इस प्रोजैक्ट की तैयारियों में जुट गया था। इसके जरिए हर साल गर्मियों में बिजली की किल्लत से लोगों को छुटकारा मिल जाएगा। 

 

दो साल में कंप्लीट हो जाएगा प्रोजैक्ट :
मिनिस्ट्री ऑफ पावर से अप्रूवल मिलने के बाद अब पॉवर ग्रिड द्वारा इस प्रोपोजल को जल्द शुरू किया जा सकेगा। सूत्रों के अनुसार यह प्रोजैक्ट काफी बड़ा है तो इसे कंप्लीट होने में भी समय लगेगा। उम्मीद जताई जा रही है कि पावर ग्रिड द्वारा इस प्रोजैक्ट को दो साल में कंप्लीट कर लिया जाएगा, जिसके बाद चंडीगढ़ में इलेक्ट्रिसिटी का स्ट्रक्चर भी स्मार्ट हो जाएगा। स्मार्ट ग्रिड से बिजली कट नहीं लगेंगे। वायर अंडरग्राऊंड होगी और इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड होगा। सेंट्रलाइज कंट्रोल रूम बनेगा बिजली के स्मार्ट मीटर लगेंगे। 


फेज वाइज शुरू होगा काम :
इस प्रोजैक्ट के लिए फेज भी तैयार कर लिए गए हैं। यह प्रोजैक्ट सैक्टर-29, 31, 47, 48 और इंडस्ट्रियल एरिया में शुरुआत में पायलट प्रोजैक्ट के तौर पर शुरू किया जाएगा। इसके बाद रायपुर कलां, दड़वा और बहलाना के एरिया कवर होंगे। प्रोजैक्ट के तहत शहर में पॉवर सिस्टम को मजबूत करने के लिए 66 के.वी. और 11 के.वी. के सब-स्टेशन लगाए जाएंगे। स्मार्ट ग्रिड सिस्टम के जरिए बिजली की मैनेजमेंट के लिए ऑनलाइन सिस्टम लाया जाएगा। इसके अतिरिक्त ऑनलाइन कंप्लैंट रजिस्ट्रेशन के भी सुविधा मिलेगी। 

 

सकाडा देगा एस.डी.ओ. डायरेक्शन :
सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्यूजेशन (सकाडा) का अहम रोल होगा। कंट्रोल रूम में बैठा कर्मचारी किसी भी कंज्यूमर की कंजप्शन ज्यादा होने पर बिजली कट लगा देगा। साथ ही उसे मैसेज भी देगा। वहीं लाइन टूटने या फाल्ट का भी पता लगता रहेगा। सकाडा से ही संबंधित एस.डी.ओ. को डायरैक्शन होगी। इसमें एरिया के उपभोक्ता की बिजली चली जाने पर दूसरे सब स्टेशन से सकाडा के कंप्यूटराइज सिस्टम से ऑटोमेटिक जोड़ी जाएगी।

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