दिल्ली में रहने वाले हर तीसरे बच्चे का खराब है फेफड़ा : रिपोर्ट

Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Nov, 2017 06:47 PM

every third child living in delhi has bad lungs  report

राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर किए गए शोध में बड़ा खुलासा हुआ है। एक शोध और सलाहकार संस्था ने अपने रिसर्च में पाया है कि दिल्ली में हर तीसरे बच्चे का फेफड़ा खराब है। इस अध्ययन में वायु प्रदूषण और व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य के बीच अब तक...

नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर किए गए शोध में बड़ा खुलासा हुआ है। एक शोध और सलाहकार संस्था ने अपने रिसर्च में पाया है कि दिल्ली में हर तीसरे बच्चे का फेफड़ा खराब है। इस अध्ययन में वायु प्रदूषण और व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य के बीच अब तक अनछुए संबंधों की भी जांच की गई है। दिल्ली और पड़ोसी शहरों में वायु प्रदूषण के चेतावनी के स्तर तक पहुंचने के कुछ दिन बाद यह अध्ययन सामने आया है। 
PunjabKesari30 फीसदी मौतों की वजह वायु प्रदूषण
‘बॉडी बर्डन: लाइफस्टाइल डिजीजेज’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया, ‘दिल्ली में हर तीसरे बच्चे का फेफड़ा खराब है जबकि देश में समयपूर्व होने वाली कुल मौतों में से 30 फीसदी वायु प्रदूषण की वजह से होती हैं’। इसमें दावा किया गया है कि पर्यावरण और स्वास्थ्य के बीच अहम संबंध है, जिनमें से वायु प्रदूषण और मानसिक स्वास्थ्य में संबंध जैसे कई पहलू अब तक अनछुए थे।
PunjabKesariसुबह-शाम बाहर न निकलने की हिदायत
पिछले दिनों प्रदूषण के बढ़ते खतरे के मद्देनजर प्रशासन को स्थिति से बिगड़ने के लिए कई आपात उपाय अपनाने पड़े थे। एेसे में अब दिल्ली में हवा की गुणवत्ता एक बार फिर ‘बेहद खराब’ स्तर तक पहुंच गई है और लंबे समय तक ऐसे माहौल में रहने पर सांस की तकलीफ हो सकती है। दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य परामर्श जारी कर लोगों से सुबह और देर शाम के वक्त बाहर निकलने से बचने को कहा है।
PunjabKesari3.5 करोड़ लोगों को अस्थमा की बीमारी 
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसईआर) की रिपोर्ट कहती है कि भारत में समयपूर्व होने वाली मौतों में से 30 फीसदी की वजह वायु प्रदूषण है। इसमें कहा गया कि वर्ष 2016 में साढ़े तीन करोड़ लोगों को देश भर में अस्थमा की बीमारी थी। इसके अलावा देश में हर साल 27 लाख से ज्यादा लोगों की मौत दिल की बीमारियों की वजह से होती है, इनमें से 52 फीसदी मामलों में मृतक की उम्र 70 साल से कम होती है।
PunjabKesariकैंसर के मरीजों की संख्या में होगी बढ़ोतरी
रिपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2020 तक हर साल कैंसर के 17.3 लाख नए मामले दर्ज किए जाएंगे जिनकी अहम वजह वायु प्रदूषण, तंबाकू, शराब और आहार संबंधी बदलाव होंगे। रिपोर्ट में कहा गया कि देश का हर 12वां व्यक्ति मधुमेह का मरीज है, जिससे मधुमेह के सबसे ज्यादा मरीजों के मामले में देश दुनिया भर में दूसरे नंबर पर है। 


 

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